
Bengaluru: टीपू सुल्तान की जयंती समारोह को रद्द करने के फैसले पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने बीजेपी सरकार को फटकार लगायी है. और फैसले पर फिर से विचार करने को कहा है. कोर्ट ने पूछा है कि सरकार ने एक दिन में कैसे इतना बड़ा फैसला ले लिया गया.
साथ ही कहा है कि राज्य सरकार एक बार फिर से इसपर विचार करे. हालांकि सरकार के फैसले पर रोक लगाने से कोर्ट ने इनकार कर दिया.
इसे भी पढ़ेंःपलामू: दो हाइवा के बीच टक्कर, एक में लगी आग, जिंदा जला ड्राइवर


मुख्य न्यायाधीश अभय श्रीनिवास ओका और न्यायमूर्ति एस आर कृष्ण कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिए.




गौरतलब है कि कर्नाटक सरकार ने इस साल टीपू सुल्तान जंयती समारोह रद्द करने का फैसला लिया है. इश फैसले के खिलाफ समाजिक कार्यकर्ताओं के ग्रुप ने हाई कोर्ट में याचिक दायर की थी.
ऐसे ना लें फैसला कि मनमाना लगे- HC
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि सरकार बनने के बाद कैबिनेट का गठन तक नहीं हुआ था, लेकिन ‘मात्र एक दिन’ में 30 जुलाई को सरकार ने ये फैसला ले लिया. फैसले पर पुनर्विचार का निर्देश देते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि फैसला इस तरह से नहीं लिया जाना चाहिए कि वह मनमाना लगे. कोर्ट ने इस मामले में सरकार को 3 जनवरी 2020 तक अपना जवाब दाखिल करने का कहा है.
इसे भी पढ़ेंःछत्तीसगढ़: नक्सलियों के साथ मुठभेड़, एक CRPF का जवान शहीद
साथ ही कोर्ट ने कहा कि जो लोग जयंती मना रहे हैं, सरकार उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें. बता दें कि टीपू जयंती 10 नवंबर को मनाई जाती है. हाईकोर्ट ने सरकार से इस बारे में जल्द फैसला करने को भी कहा है.
गौरतलब है कि 30 जुलाई 2019 को लिए गए फैसले में येदियुरप्पा सरकार ने टीपू जयंती के वार्षिक समारोह को रद्द कर दिया था. कांग्रेस शासन के दौरान शुरू हुए इस समारोह का आयोजन 2015 से हो रहा था.
इसे भी पढ़ेंःमहाराष्ट्र फैसला: सरकार बनाने का दावा आज पेश कर सकती है BJP