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रांची लोकसभा से कांग्रेस उम्मीदवार ने कहा : महिला उत्थान, एचईसी और राजधानी का विकास सबसे बड़ा मुद्दा

Ranchi : राज्य में होनेवाले चार चरणों के लोकसभा चुनाव को लेकर सभी उम्मीदवार अपनी कमर कस चुके हैं. बीते शुक्रवार (3 मई) को एनडीए उम्मीदवार के समर्थन में पीएम नरेंद्र मोदी ने राजधनी में रोड शो किया, तो वहीं इंडी गठबंधन की तरफ से कांग्रेस उम्मीदवार यशश्विनी सहाय ने रांची के विकास और महिला सुरक्षा की बात कही. साथ ही कहा कि मोदी सरकार के 10 साल के कार्यकाल को मैंने देखा है, महिलाएं बिलकुल सुरक्षित नहीं हैं.

पीएम ने मार्केटिंग अच्छी की लेकिन प्रोडक्ट खराब निकाला: यशश्विनी

उन्होंने कहा कि महिलाओं के मुद्दों पर चुनाव लड़ेंगे. रांची के विकास पर बात की जायेगी. पिछले दस साल में जो मोदी जी ने मार्केटिंग की थी, उसपर से विश्वास उठ गया है. मार्केटिंग के माध्यम से प्रोडक्ट का प्रचार-प्रसार किया गया था. वह प्रोडक्ट पूरी तरीक़े से खराब हो गया है. रांची के बने 24 साल होने जा रहे हैं लेकिन राजधानी का उतना विकास नहीं हुआ. कभी इस जगह को औद्योगिक इकाइयों का हब माना जाता था, लेकिन अब वो भी धीरे-धीरे बंद होने लगे हैं. इन सभी विषयों को लेकर चुनाव लड़ा जायेगा. राजधानी का विकास सही तरीके से नहीं हुआ है. रांची के विकास के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच के गैप को भरने की ज़रूरत है. अगर जानता ने मुझे मौका दिया तो इस गैप को ब्रिज के माध्यम से भरने का काम करूंगी और रांची की बेहतरी के लिए काम किया जायेगा.

यूसीसी मौलिक अधिकार नहीं, इसमें और संशोधन की जरूरत: यशश्विनी

यूनिफार्म सिविल कोड अभी तक देश में मौलिक अधिकार नहीं बना है. और जरूरत है कि देश में अलग-अलग तरह के लोग रहते हैं. उसे देख कर हमें आगे का निर्णय लेना चाहिए. युवाओं के पेपर लीक के मामले हो रहे हैं उसके लिए कांग्रेस के न्याय पत्र में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि सरकार आने के बाद एक सशक्त क़ानून बनाया जायेगा.

एचईसी को हमें बचाने की जरूरत, केंद्र पूजीपतियों को बेचने की कर रहा तैयारी

उन्होंने कहा कि एचईसी को बेचने की तैयारी चल रही है. एचईसी को हमें बचाने की ज़रूरत है. कई साल से कर्मचारियों को सैलरी तक नहीं मिली है. इसके लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है. एक पूर्व सीएम की गिरफ्तारी से जुड़े एक सवाल के जबाब में कहा कि हेमंत सोरेन की गिरफ़्तारी गलत है या सही यह क़ानून तय करेगा. यह मामला कोर्ट में अंडर ट्रायल चल रहा है. और जिस तरीके से सेंट्रल जांच एजेंसियों पर सवाल उठ रहे उस पर हमें ध्यान देने की जरूरत है.

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