
Ranchi: राज्य के अस्पतालों की वर्तमान स्थिति की जानकारी न देकर व भावी योजनाएं न बताए जाने पर हाईकोर्ट ने सरकार पर नाराजगी जाहिर की है. स्वत: संज्ञान लिए मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने गुरुवार को सरकार से कहा कि क्या जब तक नए अस्पताल नहीं बन जाएंगे, मरीजों को अस्पतालों में अपने हाल पर छोड़ दिया जाएगा?
अस्पतालों में मरीजों का इलाज अभी भी जमीन पर हो रहा है. उन्हें सभी सुविधाएं नहीं मिल रही है. वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए सरकार क्या कर रही है और क्या कदम उठा रही है इसकी जानकारी देने में सरकार क्यों हिचक रही है.
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अदालत ने पिछली सुनवाई के दौरान ही सराकर से अस्पतालों में वर्तमान सुविधा और स्थिति की जानकारी मांगी थी, लेकिन सरकार ने भावी योजनाएं बना कर पेश की है. ये योजनाएं कब तक पूरी होंगी?



इसकी समयबद्ध जानकारी नहीं दी गयी है.ऐसे में अदालत ने सरकार को 21 अक्तूबर तक अस्पतालों की बदहाली दूर करने को लेकर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.
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वहीं दूसरी ओर मामले की सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि एमजीएम अस्पताल में अतिरिक्त एक हजार बेड बढ़ाने की योजना है.
इसके अलावा देवघर, पलामू, हजारीबाग में भी मेडिकल कॉलेज खोला गया है. यहां भी भविष्य में क्षमता बढ़ेगी. इस पर अदालत ने नाराजगी जाहिर की और वर्तमान स्थिति की जानकारी मांगी.
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