
Manoj Singh
Jamshedpur: जेठ की दोपहरी में चमरी झुलसाने वाली गर्मी. पसीने से तरबतर राहत की ठौर तलाशते लोग और एक अदद वोट की खातिर हाथ जोड़कर खड़े प्रत्याशियों की लंबी फौज. इस बार जिला परिषद निर्वाचन क्षेत्र आठ बागबेड़ा की तस्वीर थोड़ी बदली सी है. यह सीट महिला के लिए सुरक्षित हो जाने के बाद घूंघट की ओट से दांव चलनेवालों की फौज साम, दाम, दंड, भेद आजमा रही है तो ऐसे भी चेहरे हैं जिन्हें अपनी शख्सियत पर भरोसा है.
पहली बार पत्नी को आगे कर गांव की सरकार बन बैठे किशोर यादव दूसरी बार खुद सरकार बने तो एकबार फिर पत्नी को आगे कर सरकार बनने के इरादे से पसीना बहा रहे हैं. कई अन्य चेहरे भी हैं जो इसी मंशा के साथ सामने हैं. लेकिन आधी आबादी की जंग में एक ऐसी भी प्र्रत्याशी है जिसे खुद पर भरोसा है. भरोसा इस बात का कि लोग वादों की पोटली लेकर भरमाने की मंशा पाल रखे चेहरों के समानांतर उन्हें तरजीह देंगे. यह मौका भी है और दस्तूर भी. हालांकि,भरोसे की परीक्षा में पास या फेल होना जनता जनार्दन के हाथ में है, लेकिन आत्मविश्वास से लबरेज यह महिला पूरी शिद्दत से दिन-रात एक किए हुए है. वह अहले सुबह पूजा-पाठ कर घर से निकलती है और मतदाताओं के दरवाजे पर दस्तक देकर उनका आशीर्वाद मांगती है. इनके पास भी वादों की पोटली है, लेकिन वादों को पूरा करने का खाका भी. यही वजह है कि कविता परमार नाम की यह महिला लोगों की न केवल पसंद बन रही है बल्कि चुनावी रण में छक्का मारने को आश्वस्त भी है.
ये जंग नहीं आसां

कविता कहती हैं- जब पहली बार चुनाव लड़ी थी तो इस बात का जरा भी गुमान नहीं था कि इलाके के मतदाता उन्हें सिर माथे पर बिठायेंगे. थोडे़ अंतर से सीट गंवाने के बावजूद उनके दिल में अपने इलाके की तकदीर और तस्वीर बदलने का जज्बा जिंदा रहा और दूसरे चुनाव में चुनावी अखाड़े से दूर रहने के बा भी वह जनसरोकारों को लेकर संजीदा रही. एक बार फिर जब वह चुनावी अखाड़े में दो-दो हाथ करने कूद पड़ी है तो लोग गर्मजोशी से कविता का इस्तकबाल भी कर रहे हैं. क्षेत्र के मतदाता महेश सिंह कहते हैं- बार-बार काठ की हांडी चूल्हे पर नहीं चढ़ती. बदलाव जड़ता को तोड़ने के लिए जरूरी है और कविता इस बात की आश्वस्ति देतीं दिखतीं हैं कि बदलाव का ध्वजवाहक वह बन सकती हैं. हालांकि, बागबेड़ा की यह जंग इतनी आसान भी नहीं है. हालात भारत -पाकिस्तान के उस रोमांचक मैच की तरह है जब एक गेंद पर छह रन बनाना जीत के लिए जरूरी है. ऐसे में वहीं बाजी मार ले जाएगा जो सधी बॉलिंग के साथ बैटिंग भी करेगा.


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