
Ranchi : शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाती है. कहीं परम्परागत रूप से तो कहीं किसी खास तरीके से. कुछ इसी तरह की खास पूजा जैप-1 में देखने को मिलती है. नेपाली परंपरा से होनेवाली यहां की पूजा हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है. यहां मां की प्रतिमा की पूजा नहीं बल्कि कलश की पूजा होती है. और महासप्तमी को फूल पाती की शोभा यात्रा निकाली जाती है.
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मां दुर्गा शक्ति की देवी हैं. इसी श्रद्धा के साथ राजधानी रांची के जैप-1 परिसर में नवरात्र के दौरान मां दुर्गे की पूजा की जाती है. यहां की पूजा खास इसलिए भी होती है क्योंकि शक्ति की देवी से महिलाएं जवानों की सलामती की प्रार्थना करती हैं. महासप्तमी को पर्यावरण की पूजा की जाती है जिसे फूल पाती शोभायात्रा कहा जाता है. इस यात्रा में 9 पेड़ों की पूजा की जाती है और पर्यावरण सुरक्षित रहे इसके लिए मां से प्रार्थना की जाती है. यहां पूजा के दौरान बंदूकों की सलामी भी दी जाती है. इस पूजा की शुरुआत डोरंडा मैदान में 1880 में तत्कालीन गोरखा ब्रिगेड के द्वारा की गयी थी. 1911 में बिहार के अस्तित्व में आने पर यह बिहार मिलिट्री पुलिस (बीएमपी) कहलाने लगा. झारखंड की स्थापना के बाद बीएमपी का नाम बदल कर झारखंड आरम्ड फोर्स हो गया. बावजूद इसके यहां पूजा का क्रम रीति-रिवाज के साथ जारी है. महासप्तमी की पूजा को लेकर खास इंतेज़ाम होता है.
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