
- कोर्स के लिए पूर्ववर्ती सरकार में 2016 में निकाला गया था विज्ञापन, डिग्री फर्जी होने के कारण नहीं हो पा रहा है रजिस्ट्रेशन
Ranchi : राजधानी के विश्वविद्यालय द्वारा अपने छात्रों को फर्जी डिग्री देने का मामला सामने आया है. नामकुम के राजाउलातू स्थित मां कलावती इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एजुकेशन एवं रिसर्च सेंटर में इस तरह का मामला सामने आया है. यह सेंटर प्रतिष्ठित YBN UNIVERSITY के अंतर्गत आता है.
यहां से पारा मेडिकल कोर्स करनेवाले करीब 190 {(130 अनुसूचित जनजाति (ST) और 60 अनुसूचित जाति (SC)} छात्रों का आरोप है कि दो साल के कोर्स के बाद उन्हें यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने फर्जी डिग्री दी है. इस कारण पारा मेडिकल काउंसिल में उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है.
परेशान छात्रों ने लॉकडाउन के पहले इसकी शिकायत स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, कल्याण मंत्री जोबा मांझी, शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो सहित स्वास्थ्य सचिव से भी की थी. लेकिन किसी ने भी इनकी शिकायत पर गंभीरता नहीं दिखायी.
परेशान छात्रों ने मंगलवार को रांची डीसी छवि रंजन से भी मिल फरियाद की है. वहीं इन छात्रों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी इस पर संज्ञान लेने की अपील की है.
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पारा मेडिकल काउंसिल ने बताया- फर्जी है डिग्री

शिकायत लेकर रांची डीसी के पास पहुंचे एक छात्र रविंद्र कुमार पासवान ने न्यूज विंग से बातचीत की. उन्होंने बताया कि पारा मेडिकल एससी-एसटी कोटा के डिप्लोमा कोर्स के लिए पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय 2016 में विज्ञापन निकला था.
इसके तहत YBN UNIVERSITY के मां कलावती इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर में सभी 190 छात्रों को दो साल की ट्रेनिंग करायी गयी. परीक्षा पास करने के बाद सभी को पारा मेडिकल काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराने की बात की गयी.
जब सभी छात्र रजिस्ट्रेशन कराने पहुंचे, तो उन्हें बताया गया कि ट्रेनिंग के बाद YBN UNIVERSITY से उन्हें जो डिग्री मिली है, वह पूरी तरह से फर्जी है.
इससे नाराज होकर जब वे वापस YBN UNIVERSITY के डायरेक्टर से मिले, तो उन्होंने पहले तो जाति सूचक बातों से सभी छात्रों का अपमान किया. बाद में यह कहकर उन्हें निकाल दिया गया कि जो करना है कर लो.
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मुख्यमंत्री लें संज्ञान
छात्रों का कहना है कि जब सरकार के कल्याण विभाग द्वारा हमें सेंटर में कोर्स के लिए भेजा गया था, तो बाद में उन्हें फर्जी डिग्री क्यों दी गयी. अब सभी छात्रों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी इस पर संज्ञान लेने की मांग की है.
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