
Manoj Dutt Dev
Latehar : बीते शाम मंगलवार को मंडल कारा लातेहार में हाजत बंदी मोहम्मद अकरम के साथ मारपीट की घटना सामने आयी है. पीड़ित बंदी ने जेल के ही राइटर अरविंद सिंह और प्रभारी जमादार सोमरा भगत पर मारपीट का आरोप लगाया है.
बंदी ने बताया कि उसे तब तक मारा गया जब तक वह बेहोश नहीं हो गया. मारपीट के बाद मोहम्मद अकरम को जेल के अस्पताल में भर्ती करा दिया गया. सूत्रों की माने तो अभी भी बंदी अकरम की हालत गंभीर बनी हुई है.
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कौन है राइटर अरविंद और प्रभारी जमादार सोमरा भगत
राइटर अरविंद सिंह एक विचाराधीन कैदी है, लेकिन वह जेल का राइडर बना हुआ है. वहीं प्रभारी जमादार सोमरा भगत पूर्व सैनिक है. आपको बता दें कि मंडल कारा लातेहार में गृह विभाग ने जमादार पर सीधी पोस्टिंग राधेश्याम सिंह को किया था लेकिन जेल प्रशासन ने मनमानी करते हुए उसे पद से हटाकर जेल सिपाही सोमरा भगत को जमादार बना दिया.
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हाजत बंदी ही नहीं, किसी भी बंदी के साथ मारपीट नहीं कर सकते : अधिवक्ता
मामले पर जब न्यूज विंग ने जिला के डीसी राजीब कुमार और एसपी प्रशांत आनंद को फोन किया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया. इसके बाद लातेहार सिविल कोर्ट के अधिवक्ता सुनील कुमार से पक्ष जानना चाहा. अधिवक्ता ने बताया कि जेल में बंद किसी भी बंदी के साथ मारपीट नहीं की जा सकती है. सजा देने का काम न्यायालय का है. आरोपी पर कार्रवाई की जानी चाहिए.
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कौन है बंदी मोहम्मद अकरम
हाजत बंदी मोहम्मद अकरम को चंदवा थाना पुलिस ने मंगलवार को गिफ्तार कर लातेहार न्यायालय के सौंपा गया था. जिसके बाद उसे कोर्ट हाजत में रखा गया और शाम को लातेहार मंडल कारा लातेहार में भेजा गया था. मोहम्मद अकरम चतरा जिला का रहने वाला है. चंदवा थाना पुलिस ने अकरम को 32/19 धारा 376 एवं 386 के तहत चंदवा बाज़ार से गिरफ्तार किया था.
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अब सवाल अकरम को बेहरहमी से क्यों मारा गया
चंदवा थाना प्रभारी मोहन पांडेय ने बताया कि मंगलवार को अकरम को आसानी से गिरफ्तार किया गया था. वहीं उसके साथ चदवा थाना का कोई स्टाफ ने उसे छुआ तक नहीं है. मंगलवार को ही उसका मेडिकल करा कर उसे न्यायालय के सुपूर्द किया था. कोर्ट में पूछा भी जाता है क्या मारपीट हुई है.
यदि अभियुक हां बोलता है तो संबंधित पुलिस पदाधिकारी पर कार्यवाही होती है, यदि ना बोलता है तो उसे जेल भेज दिया जाता. पुलिस पर यदि आरोप लगाता तो यह गलत है. जेल प्रशासन मामले की जांच करे.
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