
Ranchi : झारखंड विधानसभा में विधानसभा की सामान्य परियोजन समिति की बैठक हुई. बैठक के सभापति सरयू राय, पूर्व मंत्री मथुरा महतो और भानू प्रताप शाही मौजूद थे. बैठक में ग्रामीण विकास विभाग के मामले पर चर्चा हुई. बैठक के बाद समिति ने फैसला लिया कि क्यों नहीं ग्रामीण विकास के सचिव पर अवमानना का मामला चलाया जाये.
बैठक में फैसला लेने के बाद विभाग को इस बाबत चिट्ठी भेजे जाने की प्रक्रिया चल रही है. मामला गुमला में 13 सड़क निर्माण से जुड़ा हुआ है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 2110 से 2014 तक 13 सड़कें बनीं. जिनकी गुणवत्ता खराब बतायी जा रही है.
मामला विधानसभा में उठा तो सभा की तरफ से 14 जुलाई 2015 को एक समिति का गठन किया गया. समिति ने 28 अगस्त 2015 को ही अपनी रिपोर्ट सौंप दी.


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कार्रवाई के लिए पांच बार समिति ने लिखा, कुछ नहीं हुआ
समिति ने अपनी रिपोर्ट के आधार पर ग्रामीण विभाग को इस बाबत कार्रवाई करने को लिखा. सात अगस्त 2020 से 20 सितंबर 2021 के बीच समिति ने पांच बार विभाग को कार्रवाई कर रिपोर्ट देने के लिए चिट्ठी लिखी. लेकिन विभाग की तरफ से एक भी चिट्ठी का जवाब नहीं दिया गया.
जिसके बाद गुरुवार की बैठक में समिति की तरफ से फैसला लिया गया कि क्यों नहीं विभाग के सचिव पर अवमानना की कार्रवाई की जाये.
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एनपीसीसी ने मिट्टी और बालू पर कर दी ढलाई
समिति ने जेएसआरआरडीए के तकनीकी अधिकारियों से गुमला में 13 सड़कों की जांच करायी. जांच में पाया गया कि एनपीसीसी ने कई सड़कों में मिट्टी और बालू पर ही ढलाई कर दी है. साथ ही समिति ने जांच में पाया कि जेएसआरआरडीए और इरकॉन ने बिना एग्रीमेंट के लिए सड़क निर्माण का काम करा लिया.
इतना ही नहीं कैबिनेट की सहमति के बिना ही इस सड़क का निर्माण इन कंपनियों ने कर दिया. सड़क बनाने के लिए जो बजट था. कंपनी ने ठीक उसके उलट सड़क का निर्माण किया.
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