
Uday Chandra

New Delhi : सार्वजनिक क्षेत्र की इस्पात निर्माता कंपनी सेल (SAIL) में दस प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की प्रकिया शुरू हो गयी है. विनिवेश के लक्ष्य को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार सेल में हिस्सेदारी बेच रही है. इसके लिए शेयर बाजार में बिक्री की पेशकश (ओएफएस) की प्रकिया गुरुवार को खोल दी गयी. इससे सरकार को 2,664 करोड़ रुपये की पूंजी जुटने की उम्मीद है. शेयर बाजार में बिक्री की पेशकश के बाद रांची और बोकारो स्थित सेल के प्रतिष्ठान क्रमश: आर एंड डी और बोकारो स्टील प्लांट समेत देश भर में फैले सेल के प्रतिष्ठानों में कार्यरत कर्मचारियों में बेचैनी है. उन्हें निजीकरण का डर सताने लगा है.

इस संबंध में निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने बताया कि गैर खुदरा निवेशकों के लिए सेल की बिक्री पेशकश आज यानी 14 जनवरी को खोल दी गयी है. खुदरा निवेशकों के लिए यह 15 जनवरी को खुलेगी. सरकार 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी तथा पांच फीसदी अतिरिक्त हिस्सेदारी बेचने का विकल्प खुला रहेगा.
वर्तमान में सेल में सरकार की 75 फीसदी हिस्सेदारी है. सरकार ने दिसंबर 2014 में सेल की पांच फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री की थी. सेल की बिक्री पेशकश के लिए आधार दर 64 रुपये प्रति शेयर तय की गयी है. मालूम हो कि वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में विनिवेश के जरिए 2.1 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया था. हिस्सेदारी बेचने से सरकार को विनिवेश के लक्ष्य की दूरी कम करने में कुछ मदद मिलेगी.
कोरोना काल में विनिवेश के जरिए भी सरकार चालू वित्त वर्ष 2020-21 में लक्ष्य का करीब पांच फीसदी हासिल कर पायी है। हालांकि, हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया था कि सरकार की हिस्सेदारी बिक्री प्रोग्राम को लेकर विनिवेश में अब तेजी आयेगी और ऐसे मामले, जिनमें कंपनियों को कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है, उन्हें पूरी गंभीरता से लिया जायेगा. सरकार ने चालू वित्त वर्ष में अब तक केंद्रीय लोक उपक्रमों में अल्पांश हिस्सेदारी बेच कर करीब 11,006 करोड़ रुपये जुटाये हैं. पिछले वित्त वर्ष में सरकार ने विनिवेश के जरिए 67,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था.