Mumbai: अयोध्या में राम मंदिर बनाने को लेकर विवाद लगातार बढ़ रहा है. वही राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल उठाये हैं. आरएसएस ने पूछा है, जब गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा बन सकती है तो अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए कानून पारित क्यों नहीं हो सकता.
राम मंदिर पर कानून क्यों नहीं?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता दत्तात्रेय होसबाले ने यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय ने एक अलग पीठ का गठन किया है, जो अयोध्या भूमि मालिकाना हक मामले की सुनवाई कर रही है. लेकिन इस लंबित मुद्दे पर अब तक कोई फैसला नहीं किया गया है. संघ के सह-सरकार्यवाह होसबाले ने सवाल किया, ‘अगर (गुजरात में) नर्मदा नदी के तट पर सरदार पटेल की प्रतिमा बन सकती है तो भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए कोई कानून पारित क्यों नहीं हो सकता?’
उन्होंने विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) और कुछ क्षेत्रीय धार्मिक संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से आयेाजित एक सभा को संबोधित किया, जिसका आयोजन राम मंदिर के यथाशीघ्र निर्माण के लिए केन्द्र पर दबाव बनाने के उद्देश्य से किया गया था.
देश की जरुरत है राम मंदिर- संघ
इससे पहले हिंदूवादी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक नंदकुमार ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर सिर्फ संघ की नहीं, भारत की आवश्यकता है. देश के करोड़ों लोगों की आस्था राम मंदिर से जुड़ी हुई है. साथ ही कहा कि भारत की राष्ट्रीय धरोहर और संस्कृति को बचाना प्रत्येक भारतीय का धर्म है. राम मंदिर अयोध्या में बनेगा, चाहे आरएसएस रहे या न रहे.
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