
Ranchi : झारखंड कांग्रेस प्रदेश के नेतृत्व पर एक बार फिर निजी हित हावी होता दिखा रहा है. वैसे यह कोई नयी बात नहीं है जब भी प्रदेश नेतृत्व के स्तर पर परिवर्तन हुआ है, तो संबंधित पद पर बैठे व्यक्ति पर निजी हित हावी हो ही जाता है.
बात चाहे वर्तमान प्रदेश अध्य़क्ष रामेश्वर उरांव की करें या हाल ही में प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ने वाले डॉ अजय कुमार की, माना जाता है कि सभी ने पार्टी से ज्यादा अपने और सहयोगियों के हितों को ही प्राथमिकता दी. इसका असर यह होता है कि प्रदेश नेतृत्व के पदों पर बैठने वाले व्यक्तियों का पार्टी के अंदर से ही विरोध शुरू हो जाता है.
हाल में डॉ अजय कुमार के समर्थकों जैसे लोगों को पद से हटाने की बात हो या उनके विरोधियों को पार्टी में फिर से शामिल करने की, सभी में निजि हित ही हावी रहा है. इसी तरह से स्वयं या अपने समर्थकों को एक विशेष सीट पर चुनाव लड़ाने की चाह भी निजी हित का असर माना जा रहा है.
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स्वयं चुनाव लड़ने की मंशा को देते रहे है प्रमुखता
कांग्रेस पार्टी में कुछ दिन पहले डॉ अजय कुमार या उनके विरोधियों के बीच जो संघर्ष दिखा था, उसके पीछे सभी नेताओं की चुनाव लड़ने की मंशा भी एक प्रमुख कारण थी. माना जाता है कि लोकसभा चुनाव के दौरान डॉ अजय कुमार ने जमशेदपुर लोकसभा सीट इसी शर्त पर छोड़ी थी कि इस सीट पर उनके विधानसभा चुनाव लड़ने पर जेएमएम का समर्थन उऩ्हें मिलेगा. जमशेदपुर जिला अध्यक्ष विजय खां का अजय कुमार के समर्थन में रहने के पीछे भी यही कारण था.
ठीक उसी नीति पर वर्तमान प्रदेश अध्य़क्ष रामेश्वर उरांव और उनके सहयोगियों के चुनाव लड़ने की बात सामने आ रही है. कहा जा रहा है कि रामेश्वर स्वयं गुमला से सीट की दावेदारी कर रहे है, वहीं उनके समर्थक गीताश्री उरांव सिसई, प्रदीप बालमुचू घाटशिला से.
दो दिन पहले ही पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप बलमुचु ने खुलेआम कहा है कि वे घाटशिला सीट से चुनाव लड़ेंगे. अजय कुमार ने भी केंद्रीय नेतृत्व को सौंपे अपने इस्तीफे में इन नेताओं के चुनाव लड़ने का जिक्र किया था.
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विरोधियों को हटाने और सहयोगियों के हित पर ध्यान दे रहे अध्यक्ष
रामेश्वर उरांव के अपने सहयोगियों को बढ़ावा देने की बात इसलिए भी की जा रही है कि प्रदेश अध्यक्ष बनते ही उन्होंने डॉ अजय कुमार द्वारा पार्टी से निष्कासित किये सुबोधकांत समर्थकों (राकेश सिन्हा, सुरेंद्र कुमार सिंह सहित कई लोगों) को वापस पार्टी में शामिल कर लिया है. वही मीडिया प्रभारी पर नियुक्ति के लिए अजय शाहदेव के नाम पर सहमति दे दी है.
न्यूज विंग से बातचीत में प्रदेश अध्य़क्ष ने कहा था कि इस प्रस्ताव को उऩ्होंने दिल्ली केंद्रीय नेतृत्व के पास भेज दिया है. इससे पार्टी के मीडिया विंग में रहने वाले लोगों ने नाराजगी भी जतायी है. वही पार्टी के पदों पर बैठे लोगों को हटाने की बात इस रूप में भी है कि उनके सहयोगी प्रदीप बलमुचु ने जमशेदपुर जिला अध्यक्ष को हटाने का ऐलान कर दिया है.
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