
Pankaj chaturvedi
सिंगापुर
यहां हर मॉल, मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में रहने वाले का चेकअप हुआ है. हर आदमी को मास्क और सैनिटाइजर फ्री में बांटे गये. हेल्थ टीम ने जगह-जगह कैंप लगा रखे हैं. अब तो सरकार ने एक ‘कोविड-एप’ शुरू कर दिया है. ब्लू टूथ से पता लग जाता है कि कोई आदमी किसी मरीज के पास से तो नहीं गुजरा है.
मेड्रिड, स्पेन
होम डिलीवरी ऐसी है कि हम पैसे बाहर रख देते हैं और डिलीवरी ब्वाय सामान रख देता है. एहतियातन 24 घंटे बाद हम सामान घर में लाते हैं. ताकि धूप में पैकेट सेल्फ स्टर्लाइज हो जाएं. यहां सरकार ने 600 यूरो से 6 लाख यूरो तक जुर्माना लगाया है. अभी तक 15 हजार चालान हो चुके हैं.
आस्ट्रेलिया
अगर किसी के पास पैसा नहीं है तो सरकार उसको पैसे की मदद कर रही है.
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रोम
पुलिस अब अनावश्यक घूमने वालों की गाड़ियां जब्त कर रही है और उनका लाइसेंस 6 महीने के लिए रद्द कर रही है. पैदल घूमने वालो पर 260 यूरो जुर्माना लगाया जा रहा है. लोगों को स्टोर्स पर एक-एक कर एंट्री दी जा रही है.
अमेरिका
यहां के सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत कैलिफोर्निया को पूरी तरह से बंद करने के आदेश दे दिए गए हैं. इससे अब राज्य की चार करोड़ की आबादी घरों में बंद हो गयी है. गैस स्टेशन, दवा, खाने पीने की दुकानें खुली रहेंगी. सरकारी सेवाएं जैसे बैंक, स्थानीय सरकारी कार्यालय खुले हैं.
अर्जेंटीना
यहां सरकार ने राष्ट्रव्यापी बंदी के आदेश को लागू कर दिया है. दक्षिण अमेरिका में ऐसा करने वाला वह पहला देश है. अब लोग केवल जरूरी काम के लिए बाहर जा सकेंगे.
मलयेशिया
यहां के सशस्त्र बलों को पुलिस की मदद करने के लिए सड़कों पर उतारा दिया है.
ब्रिटेन
यहां गहराते संकट का सामना करने के लिए सरकार ने 65, 000 डॉक्टरों, नर्सों को खत लिख कर अनुरोध किया है कि वे इस कठिन घड़ी में काम पर वापस आ जाएं. इतना ही नहीं, मेडिकल और नर्सिंग की पढ़ाई कर रहे अंतिम वर्ष के छात्रों को काम पर लगाने का फैसला किया गया है.
श्रीलंका
यहां शुक्रवार को राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने सोमवार तक के लिए कर्फ्यू लगाने की घोषणा की. संसदीय चुनाव स्थगित करने के बाद लिया गया यह निर्णय पूरे देश में लागू होगा.
इंडोनेशिया
यहां की राजधानी जकार्ता ने दो सप्ताह के आपातकाल की घोषणा की है. सोमवार से सार्वजनिक मनोरंजन के साधनों पर रोक है, साथ ही सार्वजनिक परिवहन सीमित कर दिया है.
अब भारत में…
हम एक दिन की बंदी को कर्फ्यू कह कर आतंकित कर रहे हैं. हम घंटा और थाली बजा रहे हैं. हम खानेपीने की चीजों और मेडिकल वस्तुओं की मुनाफाखोरी और कालाबाजारी कर रहे हैं. हम जबरिया शाहीनबाग़ धरने का नाम सौ दिन में लिखवाने के लिए कुतर्क कर रहे हैं. और धरने पर बैठ रहे हैं. हमारे लोग शाहीनबाग़ धरने पर पेट्रोल बम फेंक कर दंगा भड़काने का प्रयास कर रहे हैं. हमारी पुलिस ऐसे हालातों में भी फर्जी केस दर्ज करने, निर्दोष लोगों को प्रताड़ित करने, लोगों को जेल में भेजने में लिप्त हैं.
(डिस्क्लेमर : इस लेख में दिये गये तथ्य और विचार लेखक की ओर से दिये गये हैं. इसके लिए न्यूज विंग किसी तरह से जिम्मेवार नहीं हैं)
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