
Manoj Kumar Pintu
Giridih : राज्य में पूर्ण बहुमत की सरकार का कार्यकाल पूरा होने है और केंद्र में एक कार्यकाल पूरा कर सरकार दोबारा आ चुकी है. पर गिरिडीह की जनता पूछ रही है कि इस अवधि में गिरिडीह को क्या मिला?
इस सवाल का जवाब है – शहर में दो साल के भीत तीन पार्कों का निर्माण और सदर प्रखंड के परियाणा में केंद्रीय विद्यालय के भवन का शिलान्यास. इसके अलावा गिरिडीह के हाथ खाली ही हैं.


पूरे गिरिडीह में केन्द्र सरकार की अमृत योजना से पांच करोड़ की लागत से अब तक चार पार्कों का निर्माण किया गया है. ये हैं-शास्त्री नगर स्थित पार्क, बरमसिया चिल्ड्रेन पार्क, आइएसएम रोड स्थित पार्क, व्हीट्टी बाजार स्थित सीताराम उपाध्याय पार्क.




इसके अलावा यहां केंद्र की कोई भी बड़ी योजना धरातल पर नहीं उतरी.
हवाई अड्डे से लेकर सीमेंट कंपनी के प्रस्ताव हवा में उड़े
घरेलू हवाई अड्डे के निर्माण का प्रस्ताव आया था. चेन्नई की इंडिया सीमेंट कंपनी ने भी गिरिडीह में सीमेंट प्लांट निर्माण का प्रस्ताव रखा था. लेकिन वक्त पर जमीन नहीं मिलने के कारण कंपनी का प्रस्ताव वापस चला गया.
रैंक प्वांइट के अलावे केन्द्र सरकार की ही कुटीर उद्योग परियोजना को गिरिडीह में लाने की चर्चा थी. रैंक प्वांइट और हवाई अड्डा को लेकर गंभीर नहीं होने के कारण दोनों परियोजनाएं गिरिडीह के हाथ से निकल गयीं.
इसे भी पढ़ें : #Saryu Rai ने भ्रष्टाचार को उजागर किया, सबूत भी दिये, अमित शाह ने नहीं की कार्रवाई
माइका को लेकर राज्य ने बरती लापरवाही
साथ ही केन्द्र सरकार द्वारा माइका को माइनर मिनरल की श्रेणी में डालने के बाद भी सूबे की सरकार माइका उद्योग को लेकर कोई ठोस पहल नहीं कर सकी. राज्य के अधिकारियों के बीच टेबल दर टेबल माइका उद्योग की फाइल घूमती रही.
हैरानी की बात तो यह है कि दो साल पहले ही सूबे के स्वास्थ मंत्री रामचन्द्र चन्द्रवंशी ने एक समारोह के दौरान गिरिडीह में आइसीयू के साथ बर्न यूनिट और डायलेसिस सेंटर के निर्माण की स्वीकृति मिलने की बात कही थी.
लेकिन तीनों का निर्माण कब होना है, यह भविष्य के गर्भ में है.
इसे भी पढ़ें : डबल इंजन की सरकार ने दो साल में बंद किये 4532 सरकारी विद्यालय, 2300 प्राइवेट स्कूलों को दे दी मान्यता