
Kolkata : पश्चिम बंगाल में कोरोना महामारी से जूझ रहे लोगों के इलाज की निगरानी हेतु पश्चिम बंगाल सरकार ने चार अन्य नई कमिटी का गठन किया है. राज्य स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने इस बारे में जानकारी दी है. इस कमिटी का मुख्य काम राज्य के सभी कोरोना अस्पतालों में चल रही चिकित्सा व्यवस्था की निगरानी करना होगा.
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इस चार नई कमिटी में विशेषज्ञ चिकित्सकों को रखा गया है जो सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना इलाज पर नज़र रखेंगे. मूल रूप से इसमें वायरल रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों को रखा गया है जो फ्लू संबंधित बीमारियों के इलाज के संबंध में भी निगरानी रखेंगे.
मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को मानते हुए इलाज हो रहा है या नहीं अथवा किसी तरह की ढांचागत खामियां तो नहीं हैं. इस बारे में विशेष तौर पर निगरानी रखी जाएगी. यह कमिटी अपनी रिपोर्ट तैयार कर स्वास्थ्य सचिव को भेजेगी जिसकी प्रति मुख्य सचिव को दी जाएगी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ही राज्य की स्वास्थ्य मंत्री भी हैं.
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इसीलिए वह भी सीधे तौर पर कमिटी के कार्यों पर नजर रखेंगी. पश्चिम बंगाल में कुल 68 अस्पतालों को कोरोना के इलाज के लिए समर्पित किया गया है. इसमें से 16 सरकारी अस्पताल हैं, जबकि बाकी के 52 प्राइवेट हैं.
इन सभी में चिकित्सा व्यवस्थाओं की निगरानी राज्य सरकार की ओर से की जा रही है. दरअसल, पश्चिम बंगाल सरकार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशानुसार कोरोना के इलाज का निर्देश दिया है.
कई जगहों से ऐसी शिकायतें आ रही थीं कि कोरोना संक्रमित रोगियों के इलाज में लापरवाही बरती जा रही है. इसको लेकर अब यह अलग कमिटी बनाई गई है जिसका मूल काम चिकित्सा व्यवस्थाओं की निगरानी का होगा.
अभी भी जारी नहीं की लॉक डाउन-4 की अधिसूचना
पूरे देश में लॉक डाउन को चौथे चरण में 31 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है. केंद्र सरकार ने रविवार शाम को ही लॉकडाउन से संबंधित अधिसूचना जारी कर दी थी जिसके बाद धीरे-धीरे देश के सभी राज्यों ने भी इससे संबंधित अधिसूचना जारी की है.
लेकिन 24 घंटे बीतने वाले हैं और पश्चिम बंगाल सरकार ने अभी भी अधिसूचना जारी नहीं की है. राज्य सचिवालय सूत्रों की ओर से बताया गया है कि अधिसूचना फिलहाल तैयार नहीं हो सकी है. जल्द ही इसे जारी किया जाएगा. चौथे चरण में संक्रमण की अधिकता वाले क्षेत्रों से बाहर कुछ रियायतें दी जाएंगी.
इन रियायतों में राज्य के भीतर बसों के परिचालन तथा राज्य के बाहर आपसी सहमति से बसों के परिचालन की मंजूरी शामिल है. इससे अपने घर जाने की राह देख रहे हजारों प्रवासियों श्रमिकों को तत्काल राहत मिलेगी. पश्चिम बंगाल सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने आदेश में कुछ रियायतें दी हैं.
लेकिन राज्य सरकार की अधिसूचना में संक्रमण की अधिकता वाले क्षेत्र से बाहर और रियायतें दिए जाने की संभावना है.
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