
Ranchi: पाकुड़ और लिट्टीपाड़ा की जलापूर्ति योजनाएं 2017 से पेंडिंग पड़ी हैं. इसे दिसंबर 2019 तक पूरा किया जाना था. समय से योजना पूरी नहीं होने के कारण पाकुड़ के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को जल संकट से जूझना पड़ रहा है.
मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने अब इन दोनों योजनाओं को पूरा करने का टास्क विभागीय इंजीनियरों को दिया है. योजना को दिसंबर 2020 में हर हाल में पूरा किये जाने की जिम्मेदारी पेयजल विभाग ने ली है.
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दो साल में पूरी होनी थी पाकुड़ शहरी जलापूर्ति योजना
पेयजल विभाग, पाकुड़ के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर सुनील कुमार के अनुसार पाकुड़ शहरी जलापूर्ति योजना का काम ठेकेदार विनोद कुमार लाल को दिया गया है. योजना 16.8484 करोड़ की है. दिसंबर 2017 में ठेकेदार को काम दिया गया था.
इसे दो सालों के अंदर यानि दिसंबर 2019 तक पूरा करना था. विभाग ने उसे और 6 महीने का समय दिया था. लेकिन कोरोना संकट के कारण काम पर असर पड़ा है. योजना का काम 80 फीसदी पूरा हो चुका है. अब अगले 6 महीने में बाकी बचे कामों को पूरा करा लिया जायेगा.
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लिट्टीपाड़ा जलापूर्ति योजना से 17 पंचायतों को लाभ
लिट्टीपाड़ा बहु ग्रामीण जलापूर्ति योजना की अनुमानित राशि 217.5106 करोड़ है. इस योजना से लिट्टीपाड़ा प्रखंड की सभी 17 पंचायतों को जलापूर्ति सुविधा मिलनी है. लगभग सवा लाख ग्रामीणों को घर-घर में नल कनेक्शन मिलेगा. गुड़गांव की कंपनी टहल कंसल्टिंग इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड इस काम को कर रही है.
एग्जीक्यूटिव इंजीनियर सुनील कुमार के अनुसार कंपनी के साथ 2017 में इकरारनामा हुआ था. इस साल जून तक योजना पूरी होनी थी. कोरोना संकट और लाकडाउन के कारण योजना का काम फंस गया था. विभाग ने दिसंबर तक इसे पूरा करने का टारगेट तय किया है. उम्मीद है कि पाकुड़ की जलापूर्ति योजना इस साल पूरी हो जाएगी. इससे गांव से शहर तक के लोगों को जलसंकट से राहत मिलेगी.
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