
Jamshedpur : पूर्व मंत्री और जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने 19 जून को एक ट्वीट कर कहा था कि उत्पाद विभाग में 7 करोड़ के घोटाला मामले में प्रेम प्रकाश की गिरफ्तारी 28 जुलाई 2018 को ही हो गयी होती, जब उत्पाद विभाग के दो अधिकारियों ने उसके खिलाफ शराब के धंधे सात करोड़ गबन करने की एफआइआर दर्ज कराने रांची के अरगोड़ा थाना में पहुंचे थे. सरयू राय ने लिखा था कि इस बीच सीएम कार्यालय से फोन आया, तो थाना ने एफ़आइआर लौटा दिया. राय ने प्रवर्तन निदेशालय से इसकी जांच करने की मांग भी की थी. इस मामले को आगे बढ़ाते हुए राय ने 24 जून को फिर ट्वीट कर बताया कि 28 जुलाई, 2018 को उत्पाद आयुक्त भोर सिंह यादव रात 9.30 बजे तक अरगोड़ा थाना में 7 सात करोड़ के गबन का एफआईआर कराने के लिए बैठे रहे. उन्होंने सीएमओ के प्रधान सचिव का फोन नहीं उठाया. प्रेम प्रकाश से फोन पर उनकी झड़प हुई . फिर एक फोन आया, तो भोर सिंह एफआईआर छोड़ झुंझलाकर चल दिये. एफआईआर धरा रह गया. सरयू राय ने लिखा कि इडी जांच करे कि फोन किसका था. उन्होंने कहा था कि उनके पास टेप है, जिसे वे बजा कर मीडिया को सुना देंगे. जो सुनना चाहेगा, उसे सुना देंगे.
28 जुलाई2018.अरगोड़ा थाना,राँची में ₹7 करोड़ के ग़बन का एफआईआर करने उत्पाद आयुक्त भोर सिंह यादव 9.30 रात तक बैठे रहे.प्रधान सचिव,सीएमओ का फोन नहीं उठाया.प्रेम प्रकाश से फ़ोन पर झड़प.फिर एक फ़ोन आया.एफआईआर छोड़ झुंझलाकर चल दिए.एफआईआर धरा रह गया.#ED जाँचें,फ़ोन किसका?टेप मेरे पास.
— Saryu Roy (@roysaryu) June 23, 2022


वीडियो में देखें गजेंद्र सिंह क्या कह रहे हैं-




न्यूज विंग के पास वह वीडियो टेप है, जिसमें सहायक उत्पाद आयुक्त, मुख्यालय गजेंद्र सिंह किसी को यह पूरा वाकया सुनाते नजर आ रहे हैं. गजेंद्र सिंह की बातों से साफ है कि प्रेम प्रकाश को बचाने में सीएमओ की संलिप्तता थी. इसके अलावा वह यह भी कह रहे हैं, कि उस समय पुलिसवालों के भी काफी फोन आ रहे थे. वह दबी जुबान एक पुलिस अधिकारी का नाम भी बताते नजर आ रहे हैं.
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