
Ranchi: राज्य में बड़ी संख्या में प्राइवेट क्लिनिक, अस्पताल, नर्सिंग होम और डायग्नोस्टिक सेंटर संचालित किये जा रहे हैं. इनमें से कई ऐसे हैं जो बगैर रजिस्ट्रेशन के ही चल रहे हैं. राज्य सरकार ने इस पर चिंता जतायी है. इस संबंध में स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग ने चेतावनी जारी की है. विभाग के प्रधान सचिव नीतिन मदन कुलकर्णी ने सबों से इसे गंभीरता से लेने को कहा है. इसके मुताबिक ऐसे सभी प्राइवेट संस्थानों, सेंटरों को हर हाल में 30 जनवरी,2021 तक रजिस्ट्रेशन कराने को कहा गया है.
बगैर रजिस्ट्रेशन अस्पताल का संचालन अवैध
स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि क्लिनिकल स्टैब्लिशमेंट (रजिस्ट्रेशन एवं रेगुलेशन) एक्ट 2010 (धारा 11) का अनुपालन जरूरी है. इसके तहत कोई भी व्यक्ति या संस्थान बगैर रजिस्ट्रेशन कराये किसी भी तरह का क्लिनिक, नर्सिंग होम, अस्पताल, डायग्नोस्टिक सेंटर का संचालन नहीं कर सकता. ऐसा किया जाना अवैध है. इस एक्ट का पालन नहीं करने पर जुर्माना लगाया जायेगा. एक्ट की धारा 41 (1) के मुताबिक आर्थिक दंड का प्रावधान तय है. इसके मुताबिक पहली बार पकड़े जाने पर 50,000, दूसरी बार में 2 लाख तक और तीसरी बार पकड़े जाने पर 5 लाख तक का जुर्माना वसूला जायेगा. इसके अलावा कानूनी कार्रवाई भी की जायेगी.
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अस्पतालों के लिए क्या-क्या जरूरी
प्राइवेट क्लिनिक, अस्पतालों, डायग्नोस्टिक सेंटरों को रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है. यहां पूछताछ केंद्र के पास डाक्टर का नाम, उनकी योग्यता, मेडिकल काउंसिल रजिस्ट्रेशन नंबर दी जा रही सुविधाओं और उसके लिए तय राशि का विवरण हिन्दी और अंग्रेज़ी में डिस्प्ले करना आवश्यक होगा. विभागने विस्तृत जानकारी के लिए वेबसाइटwww.clinicalestablishments.gov.in को देखने का निर्देश दिया है. मेल आइडी [email protected] पर संपर्क किया जा सकता है.
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