Ranchi. राज्य में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के इलाज के लिए कैपिंग दर निर्धारित किया गया है. कोई भी अस्पताल कोरोना पॉजिटिव मरीजों से 18 हजार से अधिक पैसा नहीं वसूल सकता. इसलिए अस्पताल एडमिट होने के 24 घंटे के बाद कोरोना टेस्ट करते हैं और 48 घंटे के बाद टेस्ट रिपोर्ट देते हैं. रांची के Medica अस्पताल में लगातार इलाज के नाम पर मनमाने तरीके से चार्ज किये जा रहे हैं.
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रांची के अरुणा मिश्रा के इलाज के बदले महज दो दिनों में पौने दो लाख रुपये चार्ज कर दिये गये हैं. महज दो दिनों में Medica अस्पताल में उनको 62 हजार रुपये की दवा दे दी गई और 33 हजार रुपये का सर्जिकल आइटम के नाम पर बिल बना दिया है. जो डॉक्टर खुद पॉजिटिव होकर आइसोलेट हैं, उनके नाम पर विजिटिंग चार्ज लिया गया. इसको लेकर परिजन ने एक्जिक्यूटिव मजिस्ट्रेट रांची के पास शिकायत दर्ज कराया है. शिकायत में पूरे घटना का विवरण सौंपा गया है. इस मामले पर जब अस्पताल प्रबंधन का पक्ष जानने की कोशिश की गई तो प्रबंधन ने अस्पताल के अस्सिटेंट वाइस प्रेसिडेंट से बात कराने की बात कही पर अभी तक नहीं कराई. जैसे ही अस्पताल का पक्ष आ जाएगा हम प्रकाशित करेंगे.
अस्पताल ने 30 हजार का डिस्काउंट दिया
मरीज के परिजन को मेडिकल अस्पताल प्रबंधन ने 30 हजार रुपये का डिस्काउंट भी दिया. इसके बावजूद उन्हें 2.6 लाख रुपये का भुगतान अस्पताल प्रबंधन को किया. अस्पताल में अधिक बिल आता देख मरीज के परिजनों ने अपने मरीज को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कर लिया है, जिसके बाद उनकी हालत समान्य है. इसी मरीज के पति को भी अस्पताल में इसी दौरान एडमिट करना पड़ा, जहां उनसे इलाज के बदले 80 हजार रुपये एक दिन के लिए गये.
प्राइवेट अस्पताल में कोरोना मरीजों को नहीं लिया जा रहा भर्ती
रांची के किसी भी प्राइवेट अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव आने के बाद मरीजों को भर्ती नहीं लिया जा रहा. अस्पताल प्रबंधन बेड की जांच करने पर बेड फुल होने का हवाला दे रही है. इस चीज को मॉनिटर करने के लिए सरकार के स्तर पर किसी भी तरह की व्यवस्था नहीं है, जिससे यह पता लग सके कि प्राइवेट अस्पताल सही कह रहे हैं या नहीं. कैंपिग दर निर्धारित होने से पहले सभी प्राइवेट अस्पतालों में जगह होती थी, पर जैसे ही कैपिंग दर निर्धारित की गयी बेड फूल पाये जाने लगे.