
Beijing: उइगर मुस्लिमों के उत्पीड़न को लेकर चीन एकबार फिर सुर्खियों में है. उइगर मुस्लिमों पर चीन सरकार और सेना दोनों की नजर है. चीन में उइगर मुस्लिमों को सिर्फ दाढ़ी रखने और नकाब पहनने जैसी वजहों से कैद किए जाने के मामले भी सामने आए हैं. खबर है कि कुछ पारंपरिक काम करने पर भी उनके साथ सख्ती दिखाई जा रही है.
उल्लेखनीय है कि चीन के सुदूर पश्चिम में उइगर इमाम खेती करने वाले अपने समुदाय की आधारशिला रहे हैं. शुक्रवार को वह उपदेश देते थे और रविवार को वह हर्बल दवाइयों से लोगों का मुफ्त में इलाज करते थे.
इसे भी पढ़ेंःकानपुरः बेकाबू बस एसयूवी से टकरायी, छह लोगों की मौत-20 से ज्यादा घायल



लेकिन 3 साल पहले ये मुस्लिम चीन की सरकार के निशाने पर आ गए थे और उन्हें डिटेंशन कैंप में कैद कर दिया गया था. इस दौरान सबसे बड़े उइगर इमाम को भी चीन में रह रहे उनके तीनों बेटों के साथ कैद कर दिया गया.



अब नये डेटाबेस से चौंकानेवाले खुलासे हुए है. इस डेटाबेस से लाखों उइगर मुस्लिमों के हिरासत में लिये जाने की वजह सामने आयी है.
नये डेटाबेस में चौंकानेवाले खुलासे
न्यूज एजेंसी एपी द्वारा जुटाये गये एक डेटाबेस में 311 लोगों के हिरासत में होने की बात कही गयी है. इस डेटाबेस में कैद किए गए लोगों के विदेशों में रहे रहे रिश्तेदारों, उन्हें हिरासत में लिए जाने की वजह और धार्मिक बैकग्राउंड समेत तमाम जानकारियां दर्ज की गई हैं.
हर एंट्री में हिरासत में लिए गए व्यक्ति का नाम, पता, नैशनल आईडेंटिटी नंबर, हिरासत की तारीख और लोकेशन साथ ही हिरासत में लेने की वजह और उन्हें रिहा किया जाना है या नहीं, यह जानकारी भी शामिल है. हालांकि चीन में किस एजेंसी ने इस डेटाबेस को तैयार किया है, इसका उल्लेख नहीं है.
नमाज पढ़ना और दाढ़ी बढ़ाना हिरासत की वजह
इस नये डेटाबेस में साफ किया गया है कि डिटेंशन सेंटर में रखे गए उइगर मुस्लिमों पर सख्ती की वजह सिर्फ राजनीतिक ही नहीं है बल्कि दाढ़ी रखने, मस्जिद में जाने, हिजाब पहनने और नमाज अदा करने जैसे कारण भी हैं. कैंपों में अधिकतर ऐसे लोग हिरासत में हैं जो अपने रिश्तेदारों के साथ हैं. चीन ने यातनागृह जैसे इन डिटेंशन सेंटरों को ट्रेनिंग सेंटर नाम दिया है.
इसे भी पढ़ेंः अहमदाबाद से बेंगलुरु जा रहे GoAir विमान के इंजन में लगी आग, कोई हताहत नहीं
अलग-अलग कैटेगरी में ऱखे गये उइगर मुस्लिम
नये डेटाबेस के मुताबिक, परिवार के साथ कैद किए इन उइगर मुस्लिमों को ट्रैक किया जाता है. और उन्हें अलग-अलग तरह की कैटेगरी में रखा जाता है. जैसे इन परिवारों को ‘विश्वसनीय’ या ‘अविश्वसनीय’ का दर्जा दिया गया है. उनके व्यवहार को ‘साधारण’ या ‘अच्छे’, परिवारों में धार्मिक वातावरण ‘लाइट’ और ‘हैवी’ जैसी श्रेणी में बांटा गया है.
चीन में मुस्लिमों पर होते अत्याचार पर पाक चुप
कश्मीर और यहां के मुस्लिमों के लिए अक्सर टिप्पणी करने वाले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने चीन में उइगर मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार पर चुप्पी साध रखी है. इस मुद्दे पर बोलने से कतराते हुए इमरान अक्सर मामले पर ज्यादा जानकारी नहीं होने का हवाला देते हैं.
हाल ही में पीओके की राजधानी मुज़फ़्फ़राबाद में आयोजित अपने जलसा के दौरान इमरान खान से चीन में उइगर मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वो इस समस्या के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं.
गौरतलब है कि चीन में उइगर मुस्लिमों पर सख्ती को लेकर अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों समेत संयुक्त राष्ट्र तक आपत्ति जता चुके हैं.
इसे भी पढ़ेंःभारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, ब्रिटेन-फ्रांस को पीछे छोड़ा: रिपोर्ट