
Nitesh Ojha
Ranchi : झारखंड में यूपीए सरकार बहुत जल्द छोटे और सीमांत किसानों के हित में एक बड़ा फैसला ले सकती है. विधानसभा चुनाव के ठीक पहले गठबंधन सरकार ने किसानों के ऋण माफी की बात की थी. सूत्रों की मानें तो यूपीए सरकार राज्य में प्रति किसान 50,000 से 60,000 रूपये तक कृषि ऋण माफ करने की तैयारी में है.
ऋण माफी की अधिकतम सीमा प्रति किसान 2 लाख रूपये तक होगी. हालांकि कोरोना संक्रमण को देख यह योजना चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी. इस बाबत कृषि विभाग में एक मसौदा तैयार हो रहा है. मसौदा तैयार होने के बाद इस कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा. यहां से स्वीकृति मिलने के बाद राज्य इसकी अधिसूचना जारी कर देगी.
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कांग्रेस और जेएमएम ने किया था चुनावी वादा
बता दें कि विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सत्तारूढ़ जेएमएम ने अपने चुनावी घोषणापत्र में कहा था कि किसानों और खेतिहर मजदूरों का कर्ज माफ किया जाएगा. वहीं कांग्रेस का भी वादा था कि सरकार 2 लाख रुपए तक के कृषि ऋण तुरंत माफ करेगी. हेमंत सरकार के पहले बजट में ही सरकार ने पूर्व में किये गये वादे के अनुरूप किसानों के कर्ज माफ करने की घोषणा की थी.
इस बाबत बजट में 2000 करोड़ रुपये के प्रावधान भी किये गये हैं. वहीं बीते जून माह को कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने जमशेदपुर में कहा था कि राज्य के करीब 79,004 किसान जल्द ही कर्जमुक्त हो जायेंगे. उनके करीब 2,000 करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया जायेगा. विभाग इसके लिए मसौदा तैयार कर रहा है.
केंद्र से राशि नहीं मिलने को देख चरणबद्ध होगा ऋण माफी
यूपीए सरकार राज्य के किसानों की ऋण माफी चरणबद्ध तरीके से करेगी. ऐसा इसलिए क्योंकि पूर्ववर्ती रघुवर सरकार के खाली छोड़े खजाने और कोरोना संक्रमण के बाद राज्य की आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब है. ऊपर से केंद्र पहले से ही झारखंड का 2500 करोड़ रूपये जीएसटी रोक रखा है. इसे देखते हुए राज्य की यूपीए सरकार ने चरणबद्ध तरीके से ऋण माफी का फैसला किया है.
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