
Ranchi: लघु और कूटीर उद्योगों को लोन देने में यूनियन बैंक ने एसबीआइ से बेहतर काम किया है. झारखंड में बैंक की शाखाओं ने लगभग 58 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की है जो एसबीआइ से अधिक है. ये बातें यूनियन के जीएम अनिल कुरील ने कही.
उन्होंने कहा कि ये ग्रोथ पिछले एक साल का है. बैंक का मुख्य फोकस एमएसएमई, कृषि और रिटेल क्षेत्रों को लोन दिलाने में है. राज्य में बैंक की लगभग 126 शाखाएं है. आंध्रा और कॉरपोरेशन बैंकों के यूनियन बैंक में मिलने से बैंक को सहयोग मिला है जिससे ये उपलब्धि मिली है.
इन्होंने बताया कि बैंक स्थापना के 102 साल मना रहा है. ऐसे में 102 एमएसएमई को इस दौरान लोन दिया गया, जिसकी रकम लगभग 17 करोड़ है. जानकारी दी गयी कि ये लोन आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत नहीं बल्कि बैंक की अपनी पहल से दी गयी है क्योंकि बैंक का मुख्य फोकस इन्हीं क्षेत्रों में है. अनिल कुरील ने ये बातें बैंक के स्थापना दिवस कार्यक्रम में कही.


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पांच हजार डेयरी फॉर्म को मिला लोन
इस दौरान बताया गया कि एमएसएमई के साथ ही कृषि, डेयरी और मछली पालन पर जोर दिया जा रहा है. सिर्फ डेयरी फॉर्मों से लोन के लिए 12 हजार आवेदन आये हैं. जिसमें से लगभग पांच हजार लोगों को ये लोन मिल गया है.
ये लोन सिर्फ डेयरी फॉर्मों के लिये है. उन्होंने बताया कि मेधा, सुधा जैसी संस्थाओं से मिल कर डेयरी उत्पादों पर काम किया जा रहा है. साथ ही कोशिश की जा रही है कि अधिक से अधिक लोगों को इसके तहत जोड़ा जाये. अब तक राज्य में इसके तहत 13 करोड़ लोन स्वीकृत किया गया है. कुरील ने बताया कि झारखंड शाखा बिहार की भी क्षेत्रीय शाखा है. ऐसे में सिर्फ डेयरी में दोनों राज्यों में लगभग 25000 आवेदन आये.
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उद्योगों के लिए सेवाओं में बदलाव किया गया
कुरील ने बताया कि यूनियन बैंक अपने ग्राहकों को अधिक से अधिक सेवाएं देना चाहता है. विशेषकर एमएसएमई के लिये प्रक्रियाओं को सरल करने की कोशिश की गयी है. लोन लेने के लिये उद्यमी कोलेट्रोल कम या ज्यादा भी कर सकते है. साथ ही कम से कम समय में लोन स्वीकृत करने की कोशिश की जा रही है.