
Washington: यूक्रेन के मुद्दे पर रूस और नाटो के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. इस संकट को टालने के लिए अमेरिका के अधिकारी लगातार बैठकें कर रहे हैं, लेकिन रुस मानने को तैयार नहीं है. उसने अमेरिका को यूक्रेन के मसले पर ज्यादा दखल न देने की चेतावनी दी है तो वहीं अमेरिका ने इस यूरोपीय देश में जंगी हथियारों की खेप भेजना शुरू कर दिया है. अमेरिका ने अपने कुछ राजनयिकों के परिवारों को यूक्रेन से वापस बुला लिया है. अमेरिका ने ट्रैवल एडवाइजरी जारी कर लोगों से यूक्रेन न जाने की अपील की है.
अमेरिका ने भेजे जंगी हथियार
यूक्रेन को लेकर अमेरिका और रूस के बीच तनाव किस हद तक बढ़ सकता है, इस बात का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि जंगी हथियारों की खेप अमेरिका ने भेजना शुरू कर दिया है. अमेरिकी दूतावास ने बताया कि 2 लाख पाउंड की मदद भेजी गई है. इसमें जंगी हथियार भी शामिल हैं, जो मोर्चे पर तैनात यूक्रेन के सैनिकों को दिए जाएंगे.
अमेरिकी दूतावास ने कहा कि 2014 से अब तक हमारी तरफ से यूक्रेन को 2.7 अरब डॉलर की मदद दी जा चुकी है ताकि वह रूस की आक्रामक रणनीति का सामना कर सके. अमेरिकी दूतावास ने एक तस्वीर भी ट्वीट की है, जिसमें बड़ी संख्या में कंटेनर उतर रहे हैं.
The shipment – and $2.7 billion USD since 2014 – demonstrates U.S. commitment to helping Ukraine bolster its defenses in the face of growing Russian aggression. 🇺🇸🇺🇦 #partnershipstrong [2/2] pic.twitter.com/scPFWM3we7
— U.S. Embassy Kyiv (@USEmbassyKyiv) January 22, 2022
इधर, नाटो (NATO)सदस्य देशों ने यूक्रेन को अत्याधुनिक हथियारों की सप्लाई शुरू कर दी है. यूक्रेन को हथियार भेजने में अमेरिका, ब्रिटेन, पोलैंड, तुर्की, लिथुआनिया, लातविया और एस्टोनिया समेत कई अन्य पश्चिमी देश शामिल हैं. ब्रिटेन ने यूक्रेन को हाल में ही एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइलों का जखीरा भेजा है. ये मिसाइलें आसानी से एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाकर फायर की जा सकती हैं. तुर्की ने भी यूक्रेन की सहायता के लिए सैकड़ों की संख्या में बायरकटार TB2 ड्रोन सौंपा है. इन ड्रोन्स की मदद से यूक्रेन की सेना रूसी सीमा की रखवाली भी कर रही है.
लोगों से की ट्रैवल न करने की अपील
यूक्रेन स्थित अमेरिकी दूतावास ने ट्रैवल एडवाइजरी में कहा, ‘यूक्रेन न जाएं क्योंकि रूस की सैन्य कार्रवाई और कोरोना का खतरा है. अपराध और अशांति के चलते भी यहां आने से बचें. क्रीमिया, दोनेत्सक और लुहांसक में न जाएं.’ अमेरिका ने यूक्रेन की राजधानी कीव में स्थित अपने दूतावास के कर्मचारियों के परिवारों को भी लौट जाने को कहा है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि रूस और क्रीमिया के दूतावासों से राजनयिकों के परिवार के लोग चले जाएं. रूस की ओर से सैन्य कार्रवाई का खतरा है. खासतौर पर रूस के नियंत्रण वाले पूर्वी यूक्रेन में हालात चिंताजनक हैं.
रूस और यूक्रेन में क्या है विवाद?
यूक्रेन एक सोवियत राष्ट्र है. साल 2014 में रूस ने एक बड़ा कदम उठाते हुए यूक्रेन का हिस्सा रहे क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था. जिसके बाद से यूक्रेन की सेना और रूस समर्थित अलगाववादियों में लड़ाई जारी है. ऐसा कहा जाता है कि इस लड़ाई में 14 हजार से अधिक लोग मारे गए हैं. जबकि 20 लाख लोगों को अपना घर तक छोड़ना पड़ा है. रूस ने बीते साल अचानक यूक्रेन की सीमा पर सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी थी. जिसके बाद अमेरिका और यूक्रेन दोनों ने ही दावा किया कि रूस इस देश पर हमला कर सकता है. इसलिए वो ऐसा कर रहा है. अमेरिका और यूरोप ने चेतावनी दी है कि अगर रूस इस देश पर हमला या कब्जा करता है, उसपर कड़े प्रतिबंध लगाए जाएंगे.