
Ranchi: आईएमए भवन में रविवार को राज्य भर के डॉक्टरों की बैठक हुई. जिसमें सरकार द्वारा सरकारी डाक्टरों के प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाए जाने का सामूहिक विरोध किया गया. डॉक्टरों ने कहा कि राज्य में जहां डॉक्टरों की भारी कमी है, ऐसे में इस तरह का तुगलकी फरमान जारी करना समझ से परे है. डॉक्टरों ने कहा कि सरकार अगर इस आदेश को तत्काल वापस नहीं लेती है तो वे लोग सामूहिक हड़ताल पर चले जाएंगे और इसकी पूरी जिम्मेवारी सरकार की होगी. वहीं जरूरत पड़ी तो सामूहिक इस्तीफा भी देंगे.
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झासा के सेक्रेट्री डॉ विमलेश सिंह ने कहा कि सरकार यदि अपने आदेश को वापस नहीं लेती है, तो 15 दिन के बाद राज्य भर के सरकारी डॉक्टरों के साथ आइएमए के सदस्य अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. इस दौरान हॉस्पिटलों में केवल इमरजेंसी सेवा को छूट रहेगी. सभी जिले के प्रतिनिधियों को अपने-अपने जिलों में सीएम के नाम से डीसी को ज्ञापन सौंपने को कहा गया है. इसके बाद भी सरकार आदेश वापस नहीं लेती है, तो सभी इस्तीफा देंगे. आईएमए के सेक्रेटरी डॉ प्रदीप सिंह ने कहा कि यह तुगलकी फरमान है. जब सरकार डॉक्टरों को नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस नहीं देती है तो उन्हें इस तरह के आदेश देने का कोई हक भी नहीं है. 2016 में भी ऐसा ही फरमान जारी किया गया था जो विरोध के बाद वापस ले लिया गया था. आईएमए के स्टेट कन्वेनर डॉ अजीत कुमार ने कहा कि जनता की सेवा करना हमारा कर्तव्य है. लेकिन विभाग का आदेश ऐसा है कि हमें मरीजों का इलाज करने से पहले सोचना पड़ेगा.
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