
Patna/ Lucknow: जाते मॉनसून की मार से देश के कई राज्य बेहाल हैं. लेकिन भारी बारिश के कारण सबसे अधिक उत्तर प्रदेश और बिहार में जनजीवन प्रभावित हुआ है.
चार दिनों की बारिश में 140 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है. जिनमें सबसे ज्यादा मौतें उत्तर प्रदेश में हुईं.
बिहार में लगातार बारिश ने सामान्य जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है. बारिश के कारण राज्य में मरने वालों का आंकड़ा 29 हो चुका है.
इसे भी पढ़ेंःगृह मंत्रालय ने नहीं दी 2 लाख #CRPF जवानों का राशन मनी का 800 करोड़
Bihar State Disaster Management Authority: Till now, 29 people have died in the state due to rainfall. pic.twitter.com/XTMVVATpvY
— ANI (@ANI) September 30, 2019
राजधानी पटना के लगभग सभी क्षेत्रों में पानी भर गया है और दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए लोग संघर्ष कर रहे हैं.
बिहार ने केंद्र से मांगे हेलीकॉप्टर
लगातार होती बारिश के कारण बिहार की नदियां उफान पर है. बाढ़ के विकराल रूप ने परेशानी बढ़ा दी है. वहीं जलजमाव के कारण समस्या और गहरा गयी है.
प्रदेश के हालात को देखते हुए बिहार सरकार ने केंद्र से हेलीकॉप्टर मांगे हैं. ताकी राहत कार्य में तेजी लायी जा सके. नीतीश सरकार ने वायु सेना से दो हेलीकॉप्टर की मांग की है.
#BiharFloods: Bihar government has asked Indian Air Force for two helicopters for lifting and airdropping food packets and medicines, in the flood-affected areas of Patna.
— ANI (@ANI) September 30, 2019
जिससे लोगों को एयर लिफ्ट किया जा सके. और बाढ़ प्रभावित इलाके में खाद्य सामग्री पहुंचायी जा सके. इसके अलावा कोल इंडिया से जल जमाव को निकालने के लिए पंप की मांग की गई है.
प्रदेश में लगातार होती बारिश ने जहां 29 लोगों की जान ले ली. वहीं फिलहाल राहत की उम्मीद नजर नहीं आती. मौसम विभाग ने कहा कि मानसून की वापसी में और अधिक देरी हो सकती है. बिहार सहित देश के कई राज्यों में मूसलाधार बारिश जारी है.
इसे भी पढ़ेंः#HemantSoren का वादा, सरकार बनी तो पहली #Cabinet से लागू करेंगे पुरानी पेंशन स्कीम
Bihar: Severe water-logging in Patna’s SK Puri area, following heavy rainfall. pic.twitter.com/iNdPb4SrZM
— ANI (@ANI) September 30, 2019
पटना में हालत बहुत बदतर हो गई है. पूरा शहर एक बड़ी झील में तब्दील हो गया है. राजेंद्र नगर और पाटलिपुत्र कॉलोनी जैसे निचले इलाकों में बाढ़ आ गई है.
शहर के कई अस्पताल, दुकान, बाजार जलमग्न हो चुके हैं. यातायात बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है. जगह-जगह जलभराव की समस्या खड़ी हो गई है.
इस बीच शहर के कुछ इलाकों में निवासियों को बचाने के लिए एनडीआरएफ की टीमें लगी हुई हैं. बड़े पैमाने पर कई क्षेत्र पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं, जिससे रेल यातायात, स्वास्थ्य सेवाएं, स्कूलों के संचालन प्रभावित हुआ हैं और बिजली की आपूर्ति बाधित हुई है.
भारी बारिश के कारण रविवार को पटरी धंसने से पूर्वोत्तर रेलवे के बलिया-छपरा रेल खंड पर यातायात पूरी तरह बाधित हो गया.
यूपी में 100 से ज्यादा लोगों की मौत
सितंबर के आखिर में आसमान से आफत की बारिश कुछ इस कदर हुई है कि जगह-जगह पानी-पानी हो गया. सड़कें नहर में तब्दील है, लोगों को शहर में भी नाव पर घूमना पड़ रहा है. वहीं उत्तर प्रदेश में बारिश के कारण 107 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.
राज्य सरकार की एक रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को 14 लोगों की मौत हो गई. इससे पहले शनिवार को 25 और शुक्रवार को 18 लोगों की मौत हो गई थी. इससे पहले के दिनों में 36 लोगों की मौत हुई.
इसे भी पढ़ेंः तेज प्रताप की पत्नी ऐश्वर्या ने सास राबड़ी देवी व ननद मीसा भारती पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया
केंद्रीय जल आयोग के अपर गंगा बेसिन संगठन, लखनऊ ने कहा कि घाघरा और शारदा नदी कई स्थानों पर सामान्य जल स्तर से ऊपर बह रही हैं.
बाढ़ प्रभावित जिलों में गाजीपुर, चंदौली, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मिर्जापुर, जौनपुर, बलिया, फतेहपुर, अयोध्या और रायबरेली जैसे शहर हैं.
मौसम विभाग ने कहा कि राजस्थान, बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में मानसून अभी भी सक्रिय है.
बिहार के 14 जिलों में येलो अलर्ट
बिहार में सोमवार को भी बारिश का अलर्ट है. मौसम विभाग ने बिहार के 14 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है.
जिन जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया, उनमें सुपौल, अररिया, किशनगंज, बांका, समस्तीपुर, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, दरभंगा, भागलपुर, खगड़िया, कटिहार, वैशाली और मुंगेर शामिल है.
वहीं पटना, गोपालगंज, शेखपुरा, चंपारण, सीवान समेत बिहार के कई जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है. राजधानी पटना में मंगलवार तक सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है. इसके अलावे 12 ट्रेनें भी रद्द की गई हैं.
इसे भी पढ़ेंःमोदी सरकार #ReserveBank से ले सकती है 30 हजार करोड़ रुपये का अंतरिम लाभांश