
Koderma: सोमवार को कोडरमा में रांची पटना रोड चक्का जाम का कार्यक्रम सर्वदलीय संघर्ष समिति के बैनर तले किया गया. हांलाकि बड़ी संख्या में तैनात पुलिस बल ने सड़क जाम नहीं होने दिया और प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग भी किया. पूर्व घोषित इस जाम का नेतृत्व सर्वदलीय संघर्ष समिति के अध्यक्ष अजय कृष्ण ने और संचालन सुमन लाल मेहता ने किया. इस चक्का जाम में हजारों की संख्या में ग्रामीण शामिल हुए और कहा कि प्रशासनिक आतंक के खिलाफ जिला एक है.
विदित हो कि डोमचांच थाना कांड संख्या 39/22 के नामजद शशिकांत कुमार, विकास कुमार पासवान, सतीश पांडे, रवि उरांव एवं अन्य पुलिसकर्मी जो अर्जुन साव, ग्राम सपही निवासी के हत्याकांड में शामिल है, और आज तक अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं हुई है. जिला प्रशासन की ओर से और राज्य सरकार की ओर से अर्जुन साव के पीड़ित परिवार को कोई सहायता राशि नहीं दी गयी और ना ही किसी को नौकरी दी गयी.






चक्का जाम के दौरान कोडरमा इंस्पेक्टर इंदु भूषण और जामकर्ताओं में झड़प भी हुई, महिलाओं और प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज करने से कुछ लोग घायल हुए. वहीं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अशोक कुमार के साथ वार्ता के दौरान बताया गया कि सीआईडी विभाग से जांच का आदेश निकल गया है और पुलिस अधीक्षक कार्यालय से चिट्ठी मंगाकर दिखाया गया.
वार्ता के दौरान अजय कृष्ण ने कहा कि जब चक्का जाम घोषित था, तो उसके पूर्व जिला से क्यों नहीं बताया गया. वार्ता के दौरान अजय कृष्ण के द्वारा जिला पदाधिकारियों के साथ त्रि-स्तरीय बैठक की मांग की गई, जिसमें सर्वदलीय संघर्ष समिति एक पक्ष, दूसरा जिला के पत्रकार बंधु, तीसरा जिला के डीसी और एसपी और सभी थाना के पधाधिकारी तथा वन विभाग के अधिकारी शामिल होंगे.
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उन्होंने कहा कि अगर बैठक आयोजित नहीं हुआ तब बाद होकर मजबूरन जिला प्रशासन के खिलाफ जन आंदोलन किया जाएगा जिसकी सारी जवाबदेही जिला के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक होंगे.
चक्का जाम कार्यक्रम के दौरान सभा का भी आयोजन किया गया जिसमें सुमन लाल मेहता, द्वारिका साव, सिकंदर शाव, कुंती देवी, मंजू देवी आदि ने संबोधित किया.
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