
Akshay Kumar Jha
Ranchi: अनल़ॉक की प्रक्रिया शुरू है. राज्य सरकारों के सामने सबसे अहम मुद्दा बाहर से लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने का है. झारखंड में मनरेगा को बेरोजगारी खत्म करने का सबसे अहम हथियार माना जा रहा है. यहां तक कि मनरेगा की तरह ही मुख्यमंत्री श्रमिक योजना की भी शुरुआत हुई है.
इस योजना के तहत शहरी इलाकों में प्रवासी मजदूरों को काम दिया जाना है. लेकिन जब राज्य में जिलेवार मनरेगा योजना का हाल देखा गया तो जो नतीजा सामने आया वो चौंकाने वाला है. ऐसे कई जिले हैं जहां हजारों की तादाद में योजनाएं अधूरी हैं. इन योजनाओं के पीछे होने की वजह मनरेगा के प्रति डीसी का सुस्त रवैया बताया जा रहा है. जिला प्रशासन का दबाव नहीं होने से जिले में मनरेगा का ये हाल है.
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पलामू और गढ़वा में मनरेगा की हालत सबसे खराब
राज्य में पलामू और गढ़वा की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है. जबकि ये दोनों जिले ऐसे हैं जहां रोजगार के लिए ज्यादा कल कारखाने नहीं हैं. सरकारी योजनाओं से ही लोगों को इस जिले में रोजगार मिलता है. बावजूद इसके इन जिलों में मनरेगा की हालत खास्ता है. पलामू की बात करें तो यहां कुल 45,514 योजनाएं अधूरी पड़ी हैं.
4848 ऐसी योजनाएं हैं जिसपर आजतक तक एक भी रुपया खर्च नहीं किया गया. वहीं 15,317 योजनाओं पर एक साल से खर्च नहीं हुआ है. 2551 ऐसी योजनाएं है जिनपर प्रशासन की तरफ से दो साल में एक भी रुपया खर्च नहीं हुआ है. वहीं गढ़वा की बात करें तो यहां 41,302 योजनाएं अधूरी हैं. 11,503 योजनाओं पर आजतक एक भी रुपया खर्च नहीं हुआ. 11,702 योजनाओं पर पिछले एक साल से कोई खर्च नहीं तो वहीं 1576 योजनाओं पर दो साल से एक भी रुपया खर्च नहीं हुआ है. पलामू में 1912 ही योजनाओं पर प्रशासन की तरफ से 100 फीसदी खर्च किया गया है. वहीं गढ़वा में 605 ऐसी योजनाएं हैं, जिसपर 100 फीसदी खर्च हुआ है.
रामगढ़ की स्थिति बेहतर
हजारीबाग से कट कर रामगढ़ एक छोटा सा जिला बना. लेकिन मनरेगा के मामले में यह जिला सभी जिलों से अच्छा प्रदर्शन कर रहा है. यहां 5468 योजनाएं ऐसी हैं जो अधूरी हैं. सिर्फ 935 ऐसे मामले हैं जिसपर प्रशासन ने एक रुपए भी खर्च नहीं किये हैं. वहीं 1054 योजनाओं पर पिछले एक साल से खर्च नहीं हुआ है और 187 योजनाओं पर पिछले दो साल से खर्च नहीं हुआ है. 21 ऐसे मामले हैं जिसपर 100 फीसदी खर्च हो चुका है.
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जानें जिलावार मनरेगा योजना का हाल
जिला | अधूरी योजनाएं | एक रूपये भी खर्च नहीं | एक साल से कोई खर्च नहीं | दो साल से कोई खर्च नहीं |
पलामू | 45514 | 4848 | 15317 | 2551 |
गढ़वा | 41302 | 11503 | 11702 | 1576 |
गिरिडीह | 33748 | 3472 | 12447 | 2117 |
रांची | 28517 | 3773 | 6610 | 1138 |
देवघर | 24541 | 2528 | 6537 | 2065 |
दुमका | 24278 | 4342 | 6615 | 1277 |
चतरा | 22934 | 2244 | 5815 | 2151 |
साहेबगंज | 21634 | 4191 | 5629 | 1210 |
गोड्डा | 20965 | 3431 | 6573 | 1256 |
बोकारो | 20042 | 2862 | 4422 | 640 |
धनबाद | 19799 | 2402 | 5775 | 1458 |
गुमला | 19741 | 2004 | 5210 | 825 |
पश्चिमी सिंहभूम | 19501 | 3808 | 4460 | 1276 |
पूर्वी सिंहभूम | 17236 | 1960 | 3329 | 612 |
पाकुड़ | 17047 | 2604 | 4084 | 1258 |
लातेहार | 16852 | 2491 | 3100 | 804 |
खूंटी | 15807 | 1321 | 4816 | 238 |
सरायकेला खरसावां | 14219 | 1951 | 2760 | 501 |
हजारीबाग | 14124 | 2920 | 1819 | 461 |
जामताड़ा | 13900 | 1261 | 3071 | 649 |
सिमडेगा | 13019 | 1464 | 2008 | 215 |
कोडरमा | 6775 | 1838 | 1228 | 319 |
लोहरदगा | 6766 | 1042 | 1884 | 263 |
रामगढ़ | 5468 | 935 | 1054 | 187 |
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