
NewDelhi : संसद की एक समिति ने सीबीआई में खाली पड़े पदों को लेकर चिंता जताते हुए सरकार से इस दिशा में सक्रियता से कदम उठाने को कहा है. खबरों के अनुसार संसदीय समिति ने फोरेंसिक साइंस-सीबीआई में अंतरराष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र की धीमी गति पर भी नाराजगी जताई, जिसे अभी गृह मंत्रालय से मंजूरी नहीं मिली है. जान लें कि भाजपा के राज्यसभा सदस्य भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता वाली समिति ने संसद में प्रस्तुत अपनी एक रिपोर्ट में यह बात कही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सीबीआई में विभिन्न स्तरों पर कर्मियों की कमी की समस्या हमेशा रहती है. समिति ने कई मौकों पर इस पर अपनी चिंता जाहिर की है.
कहा गया कि किसी भी संस्थान में काफी हद तक खाली पड़े पदों का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है और समय पर रिक्तियों को भरने के लिए आवश्यक प्रक्रिया पूरी करने के लिए सक्रियता से प्रयास किये जाने चाहिए. समिति ने उम्मीद जताई है कि भर्ती नियमों के अनुपालन की वजह से समय पर खाली पदों को भरने में देरी नहीं होगी.
सीबीआई में इस समय नियमित निदेशक नहीं


रिपोर्ट के अनुसार नियमों पर पुनर्विचार किया जा सकता है ताकि देरी को कम किया जा सके. इसके लिए समिति दोहराती है कि सरकार को पहले ही खाली पदों को भरने के लिए सक्रियता से कदम उठाने चाहिए, ताकि सीबीआई जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में स्टाफ की कमी नहीं रहे जिससे निश्चित रूप से इसकी कार्यक्षमता पर असर पड़ेगा. बता दें कि सीबीआई में इस समय नियमित निदेशक नहीं हैं; एजेंसी के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना द्वारा एक दूसरे पर भ्रष्टाचार और अन्य अनियमितताओं के आरोप लगाये जाने के बाद दोनों के अधिकार ले लिये गये थे और उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया था.



