
Ranchi : भानु प्रताप शाही ने बजट पर वाद-विवाद के दौरान कहा कि बजट पर चर्चा से ज्यादा सत्ता पक्ष के लोगों ने विपक्ष को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाया है, ऐसा लगा जैसे हमें कुछ आता ही नहीं है. सबसे ज्यादा लोकतंत्र के जानकार सत्ता पक्ष में हैं.
उन्होंने साथ ही कहा कि यह सरकार राज्य की जनता के सवालों से भागने का काम कर रही है. लोकतंत्र का गला घोट रही है. उन्होंने प्रधानमंत्री जन संवाद केंद्र और मुख्यमंत्री प्रश्नकाल को हटाये जाने को लेकर भी सवाल उठाया.
इस दौरान भाजपा विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी ने आयुष्मान भारत (प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना) का नाम बदले जाने पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि यह गलत परंपरा की शुरुआत हुई है. वहीं पूर्व मंत्री ने यह भी कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए पैसे कहां से आयेंगे, बजट में इसका जिक्र नहीं है. वहीं, विपक्ष ने बजट पर सामान्य चर्चा के बाद सरकार के जवाब का बहिष्कार किया.


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विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में पूरा पैसा बीमा कंपनियों के पास चला जाता था. राज्य सरकार ने इसे बंद कर कर्जमाफी की बेहतर योजना शुरू की. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र ने लाइट हाउस योजना भी कंपनी के फायदे के लिए शुरू की है.
आजसू के सुदेश महतो ने 10 आदिवासियों को विदेश में उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति योजना शुरू करने पर कहा कि सरकार को पहले राज्य के बच्चों की प्राथमिक शिक्षा दुरुस्त करने की जरूरत थी. सरकार पुरानी योजनाओं को नयी बता रही है. पिछले वर्ष जो योजनाएं शुरू नहीं हो सकी थीं, उन्हें इस साल नया बताया जा रहा है.
सरयू राय ने बजट पर चर्चा के दौरान राज्य सरकार द्वारा उधार ली जानेवाली राशि पर सवाल उठाते हुए कहा कि किसी भी सरकार के लिए ज्यादा उधार लेना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि पिछले साल के बजट में 12.75 फीसदी राशि उधार लेने की बात कही गयी थी.
इस बजट में यह राशि 16 फीसदी हो गयी है. उन्होंने गैर कर राजस्व बढ़ाने का सुझाव देते हुए कहा कि यह राजस्व दोगुना हो सकता है. उन्होंने विभागों द्वारा बजट की राशि खर्च नहीं होने पर भी सवाल उठाया.
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