
Ranchi: पूर्व सीएम रघुवर दास के समय स्पेशल ब्रांच का कोई अवैध कार्यालय नहीं चलाया जा रहा था. विधानसभा के बजट सत्र में राज्य सरकार ने माना है कि पूर्व सीएम के समय 2015-19 के दौरान ना तो कोई अवैध कार्यालय कहीं संचालित हो रहा था और ना ही अवैध गतिविधि उसमें हो रही थी.

विधायक सरयू राय द्वारा इस संबंध में पूछे गये प्रश्नों के उत्तर में यह जवाब कार्मिक विभाग ने दिया है. हेमंत सरकार के इस जवाब से रघुवर दास पर स्पेशल ब्रांच के जरिये फोन टेपिंग कराये जाने का आरोप स्वत: खारिज माना जाने लगा है.
एक भवन में स्पेशल ब्रांच का आफिस और दूसरे में गैर सरकारी नागरिक
सरयू राय के सवाल पर सरकार ने कहा है कि भवन निर्माण विभाग से नवंबर 2017 और जनवरी 2018 में पुलिस (स्पेशल ब्रांच) ने दो सरकारी भवन की मांग की थी. एक में पुलिस का कार्यालय (स्पेशल ब्रांच) चल रहा था जबकि दूसरे में एक गैर सरकारी व्यक्ति रह रहा था. इस व्यक्ति के द्वारा स्पेशल ब्रांच में किसी तरह का हस्तक्षेप किये जाने की सूचना नहीं है. कुछ सरकारी सुविधाओं का उपयोग किया गया था जिसकी जांच जारी है.
खूब हुआ था राजनीतिक हमला
गौरतलब है कि सरयू राय ने पहले भी फ़ोन टैपिंग मामले को लेकर कई बार सवाल उठाया था. इस संबंध में उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन को भी पत्र लिख कर जाँच कराने की माँग की थी. पिछले साल सीएम को लिखे पत्र के जरिये उन्होंने जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराये जाने के साथ-साथ दोषियों पर कार्रवाई किये जाने का भी आग्रह किया था.
आशंका जतायी थी कि विशेष शाखा की जांच में फोन टैपिंग मामले पर जानबूझ कर लीपापोती की गयी है. मामले को दबाये जाने की संभावना है. इसका सच सामने लाया जाये.