
Akshay Kumar Jha
Ranchi: लगातार झारखंड में बालू की लूट पर खबर लिखे जाने के बाद खनन विभाग हरकत में आया है. दूसरी तरफ खबर यह है कि कई बालू घाटों पर से खबर लिखे जाने के बाद अवैध तरीके से उठाव बंद है.
विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने सभी जिलों के एसपी और डीसी को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने पूर्व सीएस की भी एक चिट्ठी हलावा देते हुए सभी जिला के एसपी और डीसी को कहा है कि अगर उनके जिले में अवैध खनन होता है, तो सीधे तौर पर वो अवैध खनन के लिए जिम्मेदार होते हैं.
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उन्होंने इस मामले न्यूज विंग से काफी देर तक बात की. उन्होंने कहा कि जो न्यूज विंग छाप रहा है, वो काफी हद तक सही हो सकता है. लेकिन पैसों के लेन देन पर उन्होंने कहा कि इसकी सत्यता जांच के बाद ही आंकी जा सकती है.
उन्होंने माना कि विभाग में मैन फोर्स की कमी की वजह से खनन विभाग में सब कुछ बेहतर तरीके से नहीं चल रहा है. क्या कहा खनन विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने जानते हैं.
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कोई भी अवैध तरीके से बालू उठाव करता है, तो बख्शा नहीं जायेगा
खनन विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने कहा कि वैसे तो बरसात में बालू किसी को भी नहीं उठाना है. कोई भी विभाग के नियम को तोड़ कर बालू उठाने का काम करता है, तो उसपर कार्रवाई निश्चित रूप से होनी है.
उसके लिए सभी डीसी और एसपी को चिट्ठी दी गयी है. विभाग के अलावा दूसरा कोई भी इस काम में संलिप्त है, उसके ऊपर कार्रवाई करने के लिए जिला को निर्देश दिया गया है. आज की चिट्ठी के साथ पूर्व सीएस की चिट्ठी को भी संलग्न किया गया है.
न्यूज विंग की खबर पर लिया संज्ञान
उन्होंने कहा कि बालू उठाव पर जिस तरह से न्यूज विंग लिख रहा है, उसे गंभीरता से विभाग ले रहा है, लेकिन यह भी जानना जरूरी है कि पैसा किसे दिया जा रहा है. कैसे दिया जा रहा है. जहां तक मेरे विभाग के उच्च अधिकारियों के बारे में मैं जानता हूं. वो पैसे के किसी तरह के लेन-देन में शामिल नहीं हैं. रांची जिले के डीएमओ के खिलाफ भी ऐसी किसी तरह की रिपोर्ट नहीं मिली है.
बाकी जिलों में देखना होगा कि कैसे ये सारा काम हो रहा है. राज्य के सभी डीएमओ को भा अलग से निर्देश दिया गया है कि, कौन पैसा ले रहा है और कैसे ले रहा है. यह साफ है कि जिले में अगर किसी तरह का अवैध खनन हो रहा है, तो इसके लिए सीधे तौर पर डीसी और एसपी जिम्मेदार है.
पूर्व सीएस की यह चिट्ठी है. उसी चिट्ठी का उल्लेख कर आज फिर से चिट्ठी निकाली गयी है.
विभाग में नियुक्तियों पर सचिव ने कहा
इंस्पैक्टर की नियुक्ति विभाग की तरफ से पेंडिंग है. एमओ और डीएमओ की पिछले साल नियुक्ती हुई. लेकिन सिर्फ पांच डीएमओ ही मिल पाए और करीब 12 एएमओ की नियुक्ति हो पायी. दोबारा एक बार फिर से विभाग में इनकी नियुक्तियों के लिए फाइल बढ़ायी गयी है. पिछले साल जेपीएससी ने नियुक्ति तो कर लिया, लेकिन आवेदन ही नहीं मिला. हमारे नियमावली के हिसाब से 50 फीसदी नियुक्ति प्रमोशन के हिसाब से होना है. लेकिन जब कनीय अधिकारी है ही नहीं, तो प्रमोशन किसकी करें.
विज्ञापन के लिए मांगी है सीएम से अनुमति
विभाग में अधिकारियों की घर कमी पर उन्होंने कहा कि इस तरह की नियुक्ति करने के लिए विज्ञापन निकाले जाने हैं, जिसके लिए मुख्यमंत्री कार्यालय से अनुमति मांगी गयी है. मुश्किल यह है कि नए एएमओ पांच साल के बाद ही प्रमोशम के लिए एलिजीबल होंगे. इस बीच कुछ रिटायरमेंट भी देखने को मिलेगा. तो इस तरह की सभी पदों के विज्ञापन के लिए अनुमति ली जा रही है. लेकिन यह भी तय है कि नियुक्ति की अपनी एक प्रक्रिया होती है. उसमें समय लगता है. लिहाजा विभाग इन सभी मामलों को लेकर कार्यवाही कर रहा है.
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