
Neeraj Badhwar
New Delhi: सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 2024 का लोकसभा चुनाव 7 के बजाए 70 चरणों में होगा. न्यूज़ चैनल्स असोसिएशन और राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव आयोग से ये शिकायत की थी कि 7 चरण और 2 महीने का वक्त चुनाव कराने के लिए बेहद कम हैं. राजनीतिक पार्टियों की आपत्ति थी कि सिर्फ 2 महीने चुनाव चलने के कारण सभी नेताओं को बेहूदा बयान देने का बराबर मौका नहीं मिल पाता.
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पार्टियों में आम राय थी कि 70 चरणों में चुनाव होने से हर नेता को गिरने का बराबर मौका मिल पायेगा और वे ये नैतिक दबाव महसूस नहीं कर पायेंगी कि लोकसभा के इस महापर्व में उनके सभी नेताओं को अपना टैलेंट दिखाने का मौका नहीं मिला. वहीं चैनल्स का कहना था कि कई नेताओं के एक साथ ऊटपटांग बयान देने पर वो किसी एक बेहूदा बयान पर ठीक से फोकस नहीं कर पाते इसलिए ये चुनाव डेढ़-दो साल तक खिंचना चाहिए. हवाबाज़ी को मिली जानकारी के मुताबिक खुद कांग्रेस पार्टी के अंदर फणिशंकर अय्यर और दिगभ्रमित सिंह जैसे नेताओं को इस बात की भारी आपत्ति थी कि इस चुनावों में जनता की सारी लानत स्कैम पित्रोदा ले गये और उन्हें ज़लील होने का मौका ही नहीं मिला. ख़बर है कि इस सबसे फणिशंकर अय्यर तो इतना डिप्रेशन में चले गये हैं कि लगातार टीवी पर सेटमैक्स पर सूर्यवंशम देख रहे हैं.




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वहीं न्यूज़ चैनल्स एसोसिएशन में ज़्यादातर एडिटर्स का मानना था कि सिर्फ 2 महीने चुनाव चलने के कारण उन्हें नेताओं का इंटरव्यू लाने के लिए जूनियर रिपोर्टर्स को भी भेजना पड़ता है. जिसके चलते एडिटर्स को खुद घूमने का कम मौका मिल पाता है. साथ ही यह देख कर भी एडिटर्स के मन को कलेश लगता है कि 30 हज़ार की सैलरी पाना वाला उसका रिपोर्टर नेता के पर्सनल जेट में उसके साथ सफर कर रहा है. इस बीच तृणभूल कांग्रेस इकलौती पार्टी है जिसने लंबे चुनाव खिंचने पर आपत्ति जतायी है. पार्टी की अध्यक्ष समता चैटर्जी का कहना है कि हमारी पार्टी के नेता लंबे चुनावों के लिए अभी तैयार नहीं है. जब हमने पूछा, क्यों, क्या उनके पास टाइम नहीं है? इस पर समता का जवाब था, ‘नहीं, इतना लंबा चुनाव लड़ने के लिए उनके पास इतने हथियार नहीं है.’
डिसक्लेमरः इस खबर में कोई सच्चाई नहीं है. यह मजाक है और किसी को आहत करना इसका मकसद नहीं है.
साभारः नवभारत टाइम्स
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