
Ranchi: वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण काल के दौरान हर क्षेत्र में व्यवसाय प्रभावित हुआ है. गर्मी के मौसम में बाजार में शीतल पेय की मांग काफी बढ़ जाती थी. लेकिन पिछले एक साल से कोरोना के कारण कोल्ड ड्रिंक्स की बिक्री में भारी गिरावट आई है. लोगों ने शीतल पेय से किनारा कर लिया है.
वहीं, आयुर्वेदिक उत्पादों की मांग काफी बढ़ गई है. कोरोना संक्रमण से मुक्त रहने के लिए लोगों ने शीतल पेय ही नहीं, ठंडे पानी से भी तौबा कर ली है.
परिस्थितियों की गंभीरता को देखते हुए लोग गर्म पानी और भाप का सेवन करने लगे हैं. वहीं, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक पद्धति का सहारा लेने लगे हैं. इसके तहत इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए लोग हल्दी, नींबू, चवनप्राश,गिलोय समेत अन्य प्राकृतिक औषधीय गुणों से भरपूर उत्पादों का सेवन करने लगे हैं. नतीजतन आयुर्वेदिक रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक औषधियों की मांग बाजार में काफी बढ़ गई है.


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शीतल पेय का करोड़ों का व्यापार प्रभावितः
राजधानी रांची में शीतल पेय का करोड़ों का व्यापार प्रभावित हो रहा है. यही नहीं, शादी-ब्याह के मौसम में भी प्राथमिकता के आधार पर शीतल पेय पसंद करने वाले लोग भी अब कोल्ड ड्रिंक से तौबा करने लगे हैं. इसकी जगह गर्म पानी की मांग कर रहे हैं. वहीं, चाय की जगह अब लोग काढ़ा को प्राथमिकता दे रहे हैं.
आयुर्वेदिक औषधि ने पीछे छोड़ाः
कोल्ड ड्रिंक्स के करोड़ों के बाजार को आयुर्वेदिक औषधि तुलसी, गिलोय, आंवला, नीम सहित अन्य उत्पादों ने पीछे छोड़ दिया है.
एक अनुमान के मुताबिक राजधानी रांची में तकरीबन 15 से 20 करोड़ प्रतिमाह शीतल पेय की बिक्री हुआ करती थी. अब बमुश्किल महीने में बीस लाख रुपए की भी बिक्री नहीं हो पा रही है. शीतल पेय का बाजार ठंडा हो गया है. इस क्षेत्र के व्यवसाय की हालत खस्ता है.
दूसरा व्यवसाय शुरू करना पड़ेगाः
कोल्ड ड्रिंक्स व्यवसाय से जुड़े एक व्यवसायी बताते हैं कि पिछले साल की तरह इस साल भी शीतल पेय की बिक्री प्रभावित हुई है. उन्होंने बताया कि मार्च से अगस्त तक कोल्ड ड्रिंक्स का पिक सीजन हुआ करता था, लेकिन इस दौरान कोरोना संक्रमण काल के कारण कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. यही हाल रहा तो कोल्ड ड्रिंक्स के व्यवसायियों के समक्ष भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो जाएगी. बाध्य होकर उन्हें दूसरा व्यवसाय शुरू करना पड़ेगा.
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