
New Delhi: दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को दिल्ली सरकार को एक सर्कुलर जारी करने का निर्देश दिया है, जिसमें यह कहा गया है कि अपनी गर्भावस्था की चिकित्सा समाप्ति की मांग करने वाली एक नाबालिग लड़की और उसके परिवार की पहचान का पंजीकृत चिकित्सकों (आरएमपी) द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट (पुलिस को भेजी जाने वाली) में खुलासा न किया जाए. अदालत ने कहा, ‘‘पुलिस यह भी सुनिश्चित करेगी कि ऐसे मामलों में, जो रिपोर्ट दर्ज की गई है उसमें नाबालिग या उसके परिवार की पहचान का खुलासा न किया गया हो.’

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने यह देखते हुए निर्देश पारित किया कि नाबालिग और उसके परिवारों को गैर-पंजीकृत और अयोग्य चिकित्सकों, दाइयों और अदालतों से गर्भपात कराने के लिए मजबूर किया जा सकता है. अदालत ने कहा कि वर्तमान स्थिति के अनुसार चिकित्सक नाबालिग और उसके परिवार की पहचान का खुलासा किए बिना और पुलिस रिपोर्ट दर्ज किए बिना गर्भावस्था को समाप्त करने के लिए आम तौर पर अनिच्छुक हैं. इस वजह से सर्कुलर जारी करना पड़ा. अदालत एक महिला द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें स्थानीय पुलिस को मामले की सूचना दिए बिना उसकी 14 वर्षीय लड़की के गर्भ को चिकित्सकीय रूप से समाप्त करने की मांग की गई थी.
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