
Ranchi : रांची के जलाशयों एवं तालाबों की स्थिति पर झारखंड हाइकोर्ट काफी गंभीर है. कोर्ट ने शुक्रवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव एवं रांची नगर निगम के नगर आयुक्त को अगली सुनवाई के दिन हाजिर होने का आदेश दिया है. अदालत के द्वारा राज्य सरकार एवं नगर विकास विभाग से कई बिंदुओं पर जवाब तलब किया गया है.
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पैसे कहां और कैसे खर्च किये गये, जवाब दे सरकार
रांची के बड़ा तालाब की स्थिति को लेकर दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाइकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि राज्य सरकार के जवाब से ऐसा प्रतीत होता है कि बिना किसी साइंटिफिक स्टडी के ही बड़ा तालाब को कंक्रीट से घेरने का कार्य शुरू कर दिया गया था. वहीं राज्य सरकार के द्वारा कोर्ट को बताया गया कि बड़ा तालाब की साफ-सफाई के लिए अब तक 15 करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च की जा चुकी है, जिस पर कोर्ट ने पूछा कि यह पैसे कहां और कैसे खर्च किये गये इसका जवाब राज्य सरकार दे.
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जनहित याचिका पर सुनवाई
ज्ञात हो कि खुशबू कटारूका के द्वारा एक जनहित याचिका दायर कर रांची के जलाशयों की बिगड़ती स्थिति से अदालत को अवगत कराया गया था, जिस पर अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई. शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार से यह भी पूछा है कि क्या पहले फेज का काम खत्म हुआ था कि दूसरे फेज का काम शुरू कर दिया गया? अदालत ने नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव एवं रांची नगर निगम के नगर आयुक्त को 4 सितंबर को अदालत में उपस्थित होने का निर्देश देते हुए इस मामले की सुनवाई के लिए 4 सप्ताह बाद की तिथि निर्धारित की है.
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