
Anuj Tiwary
Ranchi: राज्य के किसानों को सोलर पावर प्लांट लगाकर आमदनी बढ़ाने का रास्ता सरकार ने बना दिया है. इसके सहारे किसान सरकार को सौर ऊर्जा बेच सकेंगे.
किसानों से सरकार करीब 3.09 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदेगी, जबकि इन्हीं किसानों को अपनी ही बिजली खरीदने के लिए करीब 5.75 रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान करना होगा.
यानि जिन किसानों ने बिजली सरकार को बेची, उसी बिजली के लिए किसानों को मोटी रकम अदा करनी होगी. किसानों के समक्ष यह दुविधा उत्पन्न हो गयी है कि जिस बंजर भूमि में सौर ऊर्जा का प्लांट लगाएंगे वहां से उस बिजली को दूर स्थित घर तक ले जाना संभव नहीं होगा.
ऐसे में वहां उत्पादित सौर ऊर्जा का इस्तेमाल अधिक से अधिक खेती-बारी के लिए किया जा सकता है. लेकिन वे अपने घरों के उपयोग के लिए तय टैरिफ के हिसाब से महंगी दर पर बिजली खरीदेंगे.
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कोई माध्यम नहीं जिससे सौर ऊर्जा की बिजली सीधे घरों तक पहुंचायी जाए
इस पूरे मामले में झारखंड रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (जरेडा) का कहना है कि जिन किसानों से सरकार बिजली खरीदेगी वो उनके उपयोग करने के बाद अतिरिक्त बचने पर लिया जायेगा.
फिलहाल ऐसी कोई ट्रांसमिशन लाइन नहीं है जिसके माध्यम से किसानों की सौर ऊर्जा उनके घरों तक पहुंचायी जाये. सरकार का जो भी टैरिफ होगा उसी के हिसाब से लिया जायेगा.
जबकि एग्रो चैंबर की ओर से भी इस व्यवस्था से किसानों को अधिक लाभ नहीं मिलने की बात कह रहा है. चैंबर का कहना है कि किसानों की बंजर भूमि का इस्तेमाल किया जायेगा लेकिन किसानों को अपने ही सारे बिजली खर्च के लिए सरकार पर ही निर्भर रहना होगा. उस सौर ऊर्जा का इस्तमाल वे सिर्फ उसी इलाके में कर सकेंगे जहां पर दिन में बिजली उत्पादन होगा.
मालूम हो कि इस योजना के तहत किसान अथवा किसानों का समूह, ग्राम पंचायत और विकासकर्ता बंजर भूमि पर न्यूनतम 0.5 मेगावाट से अधिकतम दो मेगावाट का सोलर पावर प्लांट लगा सकेंगे. प्लांट के जरिए पैदा होने वाली सौर ऊर्जा को झारखंड बिजली वितरण निगम 25 वर्षों के समझौते के तहत खरीदेगा.
एक मेगावाट की क्षमता वाला सोलर पावर प्लांट लगाने में करीब चार करोड़ रुपये की लागत आएगी. इसके लिए केंद्र सरकार आसान ऋण उपलब्ध कराने में मदद करेगी. केंद्र सरकार बिजली वितरण निगम को पहले पांच वर्ष तक प्रति यूनिट पचास पैसे सब्सिडी देगी. योजना के तहत सोलर पावर प्लांट बिजली वितरण निगम के विद्युत सबस्टेशन के पांच किलोमीटर के दायरे में लगेंगे.
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