
Garwah: जिला मुख्यालय के चिनिया रोड में एक मजदूर की शनिवार की सुबह मौत हो गई. मजदूर को पिछले कुछ दिनों से काम नहीं मिल रहा था. रोजगार का अभाव रहने पर वह लगातार परेशान था. शुक्रवार को वह उत्तर प्रदेश गया था. वहां से आने के बाद वह सो गया. सुबह उसे मृत पाया गया.
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अंतिम संस्कार में भी हुई परेशानी
मजदूर अपने पीछे पत्नी और चार छोटे-छोटे बच्चों को छोड़ गया है. मौत के बाद मजदूर को अंतिम संस्कार के लिए शुरू में कोई आगे नहीं आया. इससे इंसानियत तार-तार नजर आई. दम तोड़ती इंसानियत का अंदाजा लगाइये कि परिवार को पूछना तो दूर काफी देर तक मजदूर की मौत के बाद कंधा देने वाला भी कोई नहीं दिखा. हालांकि बाद में झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से प्रभावित परिवार को आर्थिक सहयोग दिया गया. इसके बाद शव का अंतिम संस्कार मजदूर के पैतृक गांव में किया गया.
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गढ़वा थाना क्षेत्र के दुबे मरहटीया गांव का था रहने वाला
मिली जानकारी के मुताबिक कमलेश चौधरी नाम का मजदूर गढ़वा थाना क्षेत्र के दुबे मरहटीया गांव का रहने वाला है. कमलेश को उसके घर से निकाल दिया गया था. उसके बाद वह मजदूरी करने उत्तर प्रदेश चला गया. लॉकडाउन में वह लौटकर गढ़वा आ गया. चिनिया रोड में पुलिस लाइन के पास एक कमरे में रहने लगा. 6 दिन पहले उसी कमरे में उसकी पत्नी को चौथा बच्चा हुआ.
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कई दिन से परिवार भूखा ही सो जाता था
लॉकडाउन के कारण मजदूर को काम भी नहीं मिल रहा था. परिजनों के मुताबिक वह शुक्रवार की रात बाहर से लौटा था उसे किसी जहरीले जंतु ने काटा लिया था. वह घर आकर सो गया. सुबह उसकी मौत हो गई.
मोहल्ले के रोहित कुमार ने कहा कि मजदूर बहुत गरीब था. कई दिनों से इसे काम भी नहीं मिल रहा था
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