
Ghatshila : दो साल पहले गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प के दौरान शहीद हुए कोसाफालिया (बहरागोड़ा) निवासी गणेश हांसदा की प्रतिमा का अनावरण और शहीद पार्क का उद्घाटन गुरुवार को नहीं हो सका. गणेश हांसदा की शहादत की दूसरी बरसी पर आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का यहां आना प्रस्तावित था, लेकिन वे नहीं आये. इसपर शहीद के पिता सुगदा हांसदा, मां कापरा हांसदा एवं बड़े भाई दिनेश हांसदा इस कदर नाराज हो उठे कि प्रतिमा अनावरण एवं पार्क उद्घाटन समारोह में मंत्री-विधायक के साथ शामिल होने से इंकार कर दिया. परिवहन मंत्री चंपई सोरेन एवं स्थानीय विधायक समीर महंती दोपहर लगभग सवा बारह बजे प्रतिमा स्थल बांसदा हाईवे चौक पहुंच चुके थे, लेकिन जैसे ही सीएम का प्रोग्राम कैंसिल होने की खबर आम हुई, शहीद परिवार तथा आयोजन से जुड़े नौजवानों के चेहरे पर नाराजगी मिली उदासी साफ झलकने लगी.
मंत्री चंपई सोरेन प्रतिमा स्थल यानी बांसदा चौक से अपनी गाड़ी में सवार होकर बहरागोड़ा लौट गये हैं. विधायक समीर महंती ने शहीद के परिजन से बातचीत कर समझाने का प्रयास किया, लेकिन परिजनों ने दो-टूक जवाब दे दिया – उद्घाटन करने का वायदा सीएम ने किया था, तो वे आये क्यों नहीं? विधायक भी मंत्री की राह पकड़ बहरागोड़ा में जा बैठे हैं. यह देख डीसी विजया जाधव भी बहरागोड़ा चली गयीं. मंत्री-विधायक शायद इस उम्मीद में बहरागोड़ा में प्रतीक्षा कर रहे हैं कि परिजन कुछ देर में मान जायें और पूर्व निर्धारित कार्यक्रम की खानापूर्ति कर ली जाये.
बहरहाल, पूर्वाह्न लगभग 9-10 बजे से ही पुलिस एवं प्रशासन का अमला नेशनल हाइवे – 18 पर बांसदा चौक से शहीद के पैतृक गांव कोसाफालिया तक पसरा हुआ है. गांव में सुबह से मेले जैसा माहौल था. शाम चार बजे घंटों ढोल-नगाड़ा-धमसा बजाने के बाद कलाकार यहां के हालात को देखते हुए आराम फरमाने में जुटे थे, तो पारंपरिक साड़ी में सज-धजकर अतिथियों के स्वागत एवं शहीद को श्रद्धांजलि देने विभिन्न गांवों से यहां पहुंची महिलाओं के चेहरे भी उतरे हुए नजर आ रहे थे. कुल मिलाकर, सुबह के उत्साह ने अब नाराजगी का रूप ले लिया है.


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