
New delhi : चीन की कम्युनिस्ट सरकार अपने निरंकुश शासन के लिए दुनिया भर में आलोचना होती रहती है. अब इसकी सख्त शासन व्यवस्था का एक और उदाहरण सामने आ रहा है. चीनी सरकार की आलोचना करने वाले अलीबाबा ग्रुप के फाउंडर जैक मा की गिरफ्तारी या नजरबंदी की आशंका बढ़ी है. जैक पिछले दो महीने से सार्वजनिक रूप से कहीं नजर नहीं आये हैं. चीनी मीडिया में ऐसी खबरें आ रही हैं कि जैक मा को सरकारी एजेंसियों की ‘निगरानी’ में रखा गया है.
एशिया टाइम्स ने दी है निगरानी की खबर
जैक मा अरबपति कारोबारी हैं और दुनिया के 100 शीर्ष धनी लोगों में से हैं. वे चीन की अलीबाबा ग्रुप के फाउंडर हैं. हांगकांग के एशिया टाइम्स की खबर के अनुसार जैकमा ‘निगरानी का सामना कर रहे हैं.’ गौरतलब है कि चीन में बड़ी हस्तियों की गिरफ्तारी के बारे में किसी तरह की जानकारी सार्वजनिक करने से सरकारें बचती रही हैं, इसलिए ऐसा लगता है कि ‘निगरानी’ के तहत रखने का मतलब जैक मा के जेल जाने से ही है.


सरकार से भिड़ने का नुकसान




गौरतलब है कि ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा और Ant ग्रुप के फाउंडर चीनी अरबपति कारोबारी जैक मा पिछले दो महीने से सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आए हैं. उन्होंने हाल के दिनों में चीन सरकार की नीतियों की आलोचना की थी, जिसके बाद उनकी कंपनियों पर सख्त कार्रवाई की गयी थी.
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‘अफ्रीका बिजेनस हीरोज’ में भी नजर नहीं आये
जैक मा के इस तरह गायब होने के बाद कई तरह के संदेह भी जाहिर किए जा रहे हैं. न्यूज एजेंसियों के मुताबिक हाल में अफ्रीका में अपने कंपनी से जुड़े एक बड़े कार्यक्रम ‘अफ्रीका बिजेनस हीरोज’ में भी वे नजर नहीं आए. उनकी तस्वीरें भी शो की वेबसाइट से हटा दी गयीं.
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वैश्विक बैकिंग नियमों को बताया था ‘बुजुर्गों का क्लब’
गौरतलब है कि जैक मा को कम्युनिस्ट देश चीन के लिहाज से काफी मुखर माना जाता है. पिछले साल अक्टूबर में उन्होंने चीन के शहर शंघाई में चीन के वित्तीय नियामकों और सरकारी बैंकों की तीखी आलोचना की थी. उन्होंने वैश्विक बैकिंग नियमों को ‘बुजुर्गों का क्लब’ करार दिया था.
उन्होंने चीन सरकार से आग्रह किया था कि सिस्टम में बदलाव किया जाना चाहिए ताकि कारोबार में नई पहल करने में कोई हिचके नहीं. चीन की सरकारी मीडिया द्वारा जैक मा के खिलाफ ऑनलाइन दुष्प्रचार भी शुरू हो गया है. उनकी छवि ‘क्रूर धन हड़पने वाला शैतान कारोबारी’ के रूप में दिखायी जाने लगी है.
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