
Jamshedpur : एमजीएम अस्पताल में गर्भवती महिला को भर्ती नहीं लेने और बच्चे की मौत पेट में ही हो जाने के कारण शनिवार को बागुनहातु डी ब्लॉक के परिवार के लोगों ने एमजीएम अस्पताल में भारी हंगामा किया. परिवार के लोग अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही करने का आरोप लगा रहे हैं. डॉक्टरों की लापरवाही के कारण गर्भवती महिला पेट में मृत बच्चे को लेकर दर्द से छटपटाती अस्पतालों का चक्कर लगाती रही.
शुक्रवार को अस्पताल में कहा गया 4 अक्तूबर को आना
शुक्रवार को गर्भवती नैंसी सिंह को परिवार के लोग इस कारण एमजीएम लेकर पहुंचे हुए थे कि उसके पेट में दर्द ज्यादा हो रहा था. इस बीच अस्पताल में डॉक्टरों ने जवाब दिया था कि 4 को उसे डेट दिया है. उसी दिन भर्ती लिया जाएगा. इसके बाद परिवार के लोग नैंसी को अपने घर पर लेकर चले गए.
मर्सी ने कहा -4 दिनों पहले हो गई बच्चे की मौत
एमजीएम से लौटा देने के बाद नैंसी की परेशानी बढ़ गई. इसपर परिवार के लोग शनिवार को नैंसी को लेकर मर्सी अस्पताल में पहुंचे थे. यहां पर डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि बच्चे की मौत चार दिनों पहले ही हो चुकी है. इसके बाद गुस्साए परिवार के लोग शनिवार की शाम को एमजीएम अस्पताल पहुंचे और हंगामा किया.
डॉ अंजली श्रीवास्तव कर रही थी जांच
परिवार के लोगों ने बताया कि नैंसी की जांच डॉ. अजली श्रीवास्तव की देख-रेख में चल रही थी. शनिवार को एमजीएम अस्पताल में भर्ती लेने और ऑपरेशन करने से डाक्टरों ने साफ मना कर दिया. इसके बाद परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा और वे हंगामा करने लगे. अभी मामला चल ही रहा है.
गर्भवर्ती को ऐसे टरकाया
इस मामले में सबसे पहले 17 सितंबर को गर्भवती को अस्पताल में लाया गया था. यहां पर उसे बताया गया कि ब्लड चढ़ाने की जरूरत है. इसके बाद उसे 18 सितंबर को ब्लड चढ़ाया गया.इसके बाद 19 सितंबर को डिस्चार्ज कर दिया गया. उसके बाद नैंसी को बताया गया कि 4 अक्तूबर को डेट है. अब उसी दिन आना है. एक अक्तूबर को भी वह जांच कराने आई थी, लेकिन अस्पताल में उसकी किसी ने नहीं सुनी थी.
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