
Ranchi : राज्य सरकार निवेश को बढाने के नाम पर जिस तरह से कदम उठा रही है वो पुरानी सरकार की गलतियों को दोहराने का काम कर रही है. निवेश को बढ़ावा देने के लिए इन्वेस्टर्स सम्मिट करने से ज्यादा जरुरी ग्राउंड जीरो में स्थिति को ठीक करना है. आज मीडिया से बात करते हुए चैंबर अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबड़ा ने उक्त बातें कहीं.
उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान सरकार को पूर्व की सरकार में आयोजित मोमेंटम झारखंड की पहले समीक्षा कर लेनी चाहिए थी.
चैंबर प्रतिनिधियों ने मौके पर राज्य सरकार द्वारा आयोजित इन्वेस्टर्स सम्मिट पर चिंता जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री सहित उद्योग सचिव के रवैये में बदलाव करने तक की सलाह दे डाली. साथ ही कहा कि राज्य सरकार को जमीन, पॉल्यूशन , एनओसी और बिजली जैसी मूल जरूरतों पर काम करने की जरुरत है.


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मोमेंटम झारखंड के पक्ष में नहीं रहा चैंबर
चैंबर के अजय भंडारी ने कहा राज्य में जो उद्योग चल रहे हैं उनको सम्हालने की जरुरत है. किसी भी उद्योग के लिए जो मूल जरूरतें हैं राज्य सरकार उन्हें पूरा करें.
उद्योगों को बढ़ावा देने वाली सरकार को औद्योगिक क्षेत्रों का फिजिकल वेरिफिकेशन करना चाहिए. उद्योगपतियों का जमावड़ा लगा कर कुछ नहीं होने वाला. चैंबर न तो मोमेंटम झारखंड के पक्ष में थी और न अब इन्वेस्टर्स सम्मिट के.
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वहीं दीपक कुमार मारू ने कहा कि एक तो राज्य सरकार मुलभूत औद्योगिक सुविधाएं नहीं देती है फिर कहती है कि इज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत दी गयी जमीन वापस ले ली जायेगी.
उन्होंने देवीपुर इलाके में साल 2019 में मिली जमीन का उदाहरण देते हुए बताया कि यहां सुविधाएं नहीं मिली. अधिकार नहीं मिला और अब अब प्रशासन कहती है कि छह महीने तक क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधि नहीं हुई.
जिससे जमीन से बेदखल किया जाता है. प्रेस कांफ्रेंस में कई लोगों ने अपनी-अपनी परेशानी भी साझा की.
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