
Ranchi : नगर विकास विभाग ने 141 पदों पर नियुक्त के लिए जनवरी 2018 में विज्ञापन निकाला गया था. इन्हीं पदों पर नियुक्ति के लिए एक बार फिर जून 2017 में भी विज्ञापन निकाला गया था.
लेकिन अब तक कनीय अभियंताओं की नियुक्ति नहीं हो सकी है. कुल 141 पदों के लिए 5563 अभ्यर्थियों ने दो-दो हजार देकर आवेदन किया था. इन अभ्यर्थियों के 1 करोड़ 11 लाख तो फंसे ही हैं.
साथ ही अधिकारियों की लापरवाही के कारण छात्रों के दो साल भी बरबाद हो गये हैं. सूत्रों की मानें तो इन 141 पदों की नियुक्ति नहीं होने के पीछे नगर विकास विभाग के एक अधिकारी का ही कारनामा है.


पूर्व निदेशक मृत्युंजय बर्णवाल ने इस बात की जांच के लिए विभाग को लिखा कि आखिर कैसे इतने पदों के लिए नियुक्ति निकाल दी गयी. जबकि इतने पदों की जरूरत ही नहीं है. मृत्युंजय बर्णवाल के रहते हुए जांच पूरी नहीं हो सकी है, जिसके बाद उनका ट्रांसफर कर दिया गया.




जांच पूरा नहीं होने के कारण अभी तक नियुक्तियां फंसी हुई है.
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परीक्षा जुलाई में लेने की बात थी, अभी तक नहीं हो सकी
विभाग के अनुसार योग्य उम्मीदवारों की पहली मेरिट लिस्ट जारी की जानी थी. मेरिट में आनेवालों को परीक्षा के बाद फाइनल किया जाना था. अब तक मेरिट लिस्ट भी जारी नहीं की गयी है. परीक्षा एसबीटीई को लेनी थी.
उम्मीदवारों को राज्य के विभिन्न स्थानीय शहरी निकायों में पदस्थापित किया जाना था. चयनित उम्मीदवारों को 28,755 रुपये मासिक में तीन वर्षों के लिए नियुक्त किया जाना था. विभाग के अधिकारियों का कहना था कि उन्होंने टेक्निकल यूनिवर्सिटी को परीक्षा लेने के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट सौंप दी थी.
और परीक्षा जुलाई में लेने की बात कही थी पर अभी तक नहीं हो सकी है.
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2017 में भी मांगे थे आवेदन
नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा 141 कनीय अभियंताओं की नियुक्ति के लिए 2017 में ही आवेदन मांगे गये थे. कनीय अभियंताओं की नियुक्ति अनुबंध पर होनी थी, पर ये नहीं हो पायी थी. इन्हें तीन वर्षों के लिए अनुबंध पर रखा जाना था.
विभाग द्वारा जारी सूचना के तहत कनीय अभियंता(असैनिक) के लिए 93 पद, कनीय अभियंता(विद्युत) के लिए 23 पद व कनीय अभियंता(यांत्रिक) के 25 पदों पर नियुक्ति की जायेगी. जिसमें झारखंड सरकार के आरक्षण रोस्टर का भी पालन किया जायेगा. न्यूनतम आयु 18 वर्ष रखी गयी है.
मानव संसाधन की भारी कमी
नगर विकास विभाग समेत राज्य के सभी नगर निकाय मानव संसाधन की भारी कमी से जूझ रहे हैं. पथ निर्माण, भवन निर्माण, पेयजल स्वच्छता और जल संसाधन विभागों से इंजीनियरों को नगर विकास विभाग में प्रतिनियुक्ति पर काम कराया जा रहा है.
9 अक्टूबर 2018 को हुए नगर विकास विभाग के अधिकारियों की बैठक में कार्मिक विभाग की हरी झंडी मिलने के बाद नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाने की बात कही गयी थी, पर अब भी विभाग द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया की दिशा में कोई कदम नहीं बढ़ाया गया है.
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