
Kolkata: केंद्रीय खुफिया विभाग (आइबी) ने राज्य गृह विभाग को एक अलर्ट भेजा है जिसमें इस्लामिक स्टेट के चार आतंकियों की तस्वीरें और जानकारी साझा की गयी है.
बताया गया है कि इन आतंकियों ने उत्तर बंगाल के सिलीगुड़ी, कलिमपोंग और जलपाईगुड़ी के विस्तृत इलाके को अपना ठिकाना बनाकर रखा है, जहां से अलग-अलग आतंकी वारदातों की योजना बना रहे हैं.
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आतंकियों की धर-पकड़ में जुटी एजेंसियां




राज्य गृह विभाग ने सीआइडी और कोलकाता पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को इसके बारे में जानकारी दे दी है. जिला पुलिस के साथ समन्वय बनाकर केंद्र और राज्य की एजेंसियों इन आतंकियों की धर-पकड़ में जुट गयी है.
इन चार आतंकियों में से मास्टरमाइंड का नाम मोहम्मद ख्वाजा है. अन्य आतंकियों का नाम अब्दुल समाद, अब्दुल समीम और नवाज है. ये लोग उत्तर बंगाल के विभिन्न क्षेत्रों में छिप-छिप कर रह रहे हैं और लगातार ठिकाना बदल रहे हैं.
इनकी योजना आतंकी वारदातों को अंजाम देने के लिए फंड एकत्रित करने, स्लीपर सेल तैयार करने और युवाओं का माइंड वास कर उन्हें आतंकवाद फैलाने के लिए दूसरे देशों में भेजना है.
इनमें से मोहम्मद ख्वाजा ने 2014 से 2016 के बीच दो सालों तक सीरिया में आइएस आतंकी के तौर पर युद्ध लड़ा था. पिछले साल 14 दिसंबर को उसे आखिरी बार तमिलनाडु में देखा गया था.
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उत्तर बंगाल पहुंचा आतंकी मोहम्मद ख्वाजा
जांच के बाद पता चला है कि आतंकी मोहम्मद ख्वाजा उत्तर बंगाल में प्रवेश कर चुका है. इसके अलावा दो और आइएस आतंकियों को आखिरी बार सिलीगुड़ी में देखा गया था जो कथित तौर पर उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर चुके हैं. हालांकि वहां की स्थानीय पुलिस ने व्यापक धरपकड़ अभियान चलाया जिसके बाद उनके भी वापस बंगाल और आसपास के राज्यों की सीमा में कहीं छिपे होने की आशंका प्रबल है.
इसके पहले 2016 में गिरफ्तार किया गया आइएस आतंकी मूसा उर्फ मूसाउद्दीन से पूछताछ में पता चला है कि वह ख्वाजा के जरिये आतंकी संगठनों के संपर्क में आया था. दक्षिण भारत में आइएस को मजबूत करने की जिम्मेवारी ख्वाजा को दी गयी थी.
बांग्लादेश के नवगठित जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (नव्य जेएमबी) आतंकी संगठन के साथ मिलकर वह भारत बांग्लादेश में आइएस के संगठन को मजबूत बनाने में जुटा हुआ है. दक्षिण भारत में कई जगहों पर ख्वाजा ने आइएस लिंक कोऑर्डिनेट किया है. दिसंबर के अंत में वह पश्चिम बंगाल भाग आया है.