
Abinash Mishra
Ranchi: क्या आपने फुटबॉल वर्ल्ड कप… इंग्लिश प्रीमियर लीग… वुंदस लीग या स्पैनिश लीग को फॉलो किया है. या फिर हालिया समय में अपने देश में हुए इंडियन सॉकर लीग को ही देखा है. फुटबॉल एक रोमांचक खेल है. और इसमें जीत के लिए देश हो या फिर क्लब, सभी एक से बढ़ कर एक रणनीति के साथ मैदान में उतरते हैं. क्रिकेट के लेख में फुटबॉल की बात हो रही है ये सोच कर आपको कुछ अजीब सा तो लग ही रहा होगा. हैरान मत होइए क्योंकि इस बार टीम इंडिया के पास एक खास रणनीति है, जो सॉकर से ली गयी है. विश्व कप 2019 में इस बार टीम इंडिया एक ऐसी चाल के साथ मैदान में उतरेगी कि विरोधी टीम के पसीने छूट जायेंगे. जिसका जवाब ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका जैसी धाकड़ टीम के पास भी नहीं होगा.
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आपने देखा होगा कि सॉकर में जर्मनी, ब्राजील और फ्रांस जैसी दिग्गज टीम दो–तीन-तीन-दो-एक. या.. एक-तीन-दो-चार-एक जैसे फॉरमेट में खेलती हैं. फॉरमेट से मतलब ये है की हर टीम चार या पांच पंक्ति में खिलड़ियों को सजाती है और हर खिलाड़ी का एक खास रोल होता है. टीम इंडिया ने भी एक खास गेम प्लान सॉकर के इसी तर्ज पर तीन–दो-एक-तीन का बनाया है. आमतौर पर देखें तो ब्राजील जैसी टीम आक्रमक खेल खेलती है. उनकी टीम की पहली और दूसरी पंक्ति तेज तर्रार स्ट्राइकर्स से भरी होती है. ताकि ज्यादा से ज्यादा गोल दागे जा सकें. लेकिन वहीं यूरोपियन टीम खेल के डीफेंस पर ज्यादा ध्यान देती हैं. लिहाजा वो तीसरी और चौथी पंक्ति को बेहद मजबूत रखती हैं. इस बार टीम इंडिया ने भी एक आक्रमक फॉर्मूला तैयार किया है. जो तीन-दो-एक-तीन का है. इस फॉरमेट के हिसाब से शुरुआती तीन खिलाड़ी रोहित शर्मा, शिखर धवन और विराट कोहली स्ट्राइकर्स की भूमिका में होंगे. जिनका काम गेदबाजों पर जम कर बरसना होगा. जिससे शुरुआती ओवरों में तेजी से रन बटोरा जा सके.




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उसके बाद दो की भूमिका बेहद अहम होगी जिसमें धौनी और हार्दिक पंड्या होंगे. इन्हें सॉकर के शब्दों में बतौर प्लेमेकर के रूप में देखा जा सकता है. सीधे तौर पर समझें तो प्लेमेकर का काम सॉकर में गोल दागने के लिए स्ट्राइकर्स को मूव बना कर देने की होती है. ये डिफेंस और आक्रमण के बीच की कड़ी होते हैं. कुछ इसी तरह के रोल में धौनी और पंड्या होंगे जिनका काम अंतिम अवरों में धुंआधार पारी खेलना या फिर संकट में विकेट पर टिके रहना होगा. अंतिम एक और तीन में स्पिनर और वो तीन तेज गेंदबाज हैं जिनपर विश्व कप का खिताब भारत को दिलाने का दारोमदार है. इसमें चहल या कुलदीप में से कोई एक और बुमराह, भुवी और शमी होंगे. इंग्लैंड की पिचों पर इनका काम फुटबॉल टीम की अंतिम पंक्ति की तरह होगा, जो तेज आक्रमण को ध्वस्त भी करते हैं और गेंद को अपनी फॉरवर्ड लाइन को पलक झपकते देते भी हैं. ताकि गोल करने के नये अवसर बन सकें. क्रिकेट की भाषा में इन चार गेंदबाजों को विकेट भी लेना होगा और बल्लेबाज को खामोश भी रखना होगा. तीन-दो-एक-तीन का खास फॉर्मूला टीम इंडिया को मिल चुका है और सभी खिलाड़ी अपना रोल निभाने के लिए एकदम तैयार भी हैं. टीम इंडिया का ये सॉकर अंदाज हिट हुआ तो भारत का विश्व कप फतह करने का रास्ता आसान हो जायेगा और जीत का जश्न विराट कोहली क्रिस्टियानो रोनाल्डो के अंदाज में मनाते दिख जायें तो हैरत नहीं होगी.
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