
ASHOK KUMAR
Jamshedpur : टाटानगर रेलवे स्टेशन के बाहर रेलवे की ओर से पार्किंग स्टैंड तो बनाया गया है, लेकिन इसका ठेका लेकर वाहन चालकों से पार्किंग चार्ज वसूल करना कोई दबंग ठेकेदार ही कर सकता है. इसका उदाहरण पहले भी देखने को मिल चुका है. यहां पर तो पुलिस वाले भी अपने वाहनों को लगाते हैं और पार्किंग चार्ज वसूलते समय वे अपना रौब दिखाकर मारपीट करने को उतारू हो जाते हैं. इस बार पांचवी बार पार्किंग का टेंडर निकाला गया है, लेकिन किसी ठेकेदार ने अभी तक इसमें रूचि नहीं दिखाई है. पार्किंग विवाद को लेकर ही उपेंद्र सिंह और बन्ना गुप्ता समर्थकों के बीच भिड़ंत हुई थी और इसमें गोली लगने से टेंपो चालक जितेंद्र की मौत हो गई थी. तब बन्ना गुप्ता टेंपो चालकों के आंदोलन में खुलकर शरीक हुआ करते थे और समाजवादी पार्टी में शामिल थे.
उपेंद्र सिंह ने चलाया था 10 साल
झामुमो नेता सह ट्रांसपोर्टर उपेंद्र सिंह ने टाटानगर के रेलवे पार्किंग स्टैंड को पूरे 10 सालों तक चलाया था. वे खुद भी एक दबंग ठेकेदार थे. इस कारण से पार्किंग में कोई भी पावरफुल व्यक्ति विवाद करने से संकोच करता था. हालाकि वर्चस्व की लड़ाई में अखिलेश सिंह के गुर्गों ने उनकी हत्या कोर्ट परिसर में ही गोली मारकर कर दी थी.
टेंडर रेट घटाने पर भी रिस्पांस नहीं
पार्किंग स्टैंड का टेंडर रेट करीब एक करोड़ रुपये घटा दिए जाने के बाद भी रेलवे को रिस्पांस नहीं मिल रहा है. इसको लेकर रेल अधिकारी भी खासा परेशान हैं. उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर इसके लिए और क्या करना होगा.
कोरोनाकाल से ही लगा है पेंच
स्टेशन पार्किंग की बात करें तो इसमें कोरोनाकाल से ही पेंच लगा हुआ है. पहली बार वर्ष 2020 सितंबर में टेंडर निकाला गया था. 5.70 करोड़ सुनकर ही ठेकेदार दुबक रहे हैं. उन्हें लगता है कि पार्किंग स्टैंड लेना घाटे का सौदा साबित होगा.
बर्मामाइंस पार्किंग का पहली बार टेंडर
बर्मामाइंस पार्किंग का पहली बार टेंडर निकाला गया है, लेकिन दोनों पार्किंग को रेलवे की ओर से साथ में ही जोड़ दिया दिया है. टेंडर की राशि को घटाकर अब 4.61 लाख कर दिया गया है. इसके लिए 17 दिसंबर तक ऑनलाइन आवेदन रेलवे की ओर से मांगा गया है.
इसे भी पढ़ें- वर्षा हत्याकांड में बुरे फंसे एएसआई धर्मेन्द्र कुमार, कोर्ट में शिकायतवाद दाखिल