
Deepak
Ranchi: टाटा स्टील देश की सबसे बड़ी इस्पात निर्माता कंपनी बनने की ओर अग्रसर है. कंपनी ने झारखंड के जमशेदपुर में विस्तारीकरण योजना के अलावा ऊषा मार्टिन के स्टील बिजनेस और भूषण स्टील का अधिग्रहण इसी सिलसिले में किया है. कंपनी की ओर से ओडिशा के कलिंगानगर प्लांट का भी विस्तारीकरण किया जा रहा है. 2025 तक कंपनी प्रबंधन ने 30 मिलियन टन इस्पात उत्पादन के लक्ष्य को हासिल करने का निर्णय लिया है.
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यहां यह बताते चलें कि इसमें झारखंड के साथ 2005 में हुए 10 मिलियन टन का ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट शामिल नहीं है. इस प्रोजेक्ट को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के समय द्विपक्षीय समझौता किया गया था, जिसमें 40 हजार करोड़ के निवेश की बातें कही गयी थीं. कंपनी प्रबंधन का कहना है कि भारत में स्टील की डिमांड छह से 6.7 फीसदी वार्षिक है. पिछले 10-12 वर्षों से स्टील का उत्पादन ग्रोथ कम है. इसे बढ़ाने की जरुरत है.
टाटा स्टील ने किया दो बड़ी कंपनियों का अधिग्रहण
टाटा स्टील ने मिशन 2025 को लेकर नयी दिल्ली की कंपनी भूषण स्टील के ओडिशा प्लांट और ऊषा मार्टिन के जमशेदपुर स्टील डिविजन का अधिग्रहण किया है. भूषण स्टील की उत्पादन क्षमता 3.5 मिलियन टन है, जिसे बढ़ाकर 3.5 मिलियन टन किया जा रहा है. कंपनी की तरफ से अपने कलिंगानगर प्रोजक्ट के दूसरे चरण का भी विस्तारीकरण किया जा रहा है. 2022 तक कलिंगानगर प्रोजेक्ट की क्षमता बढ़ाकर तीन मिलियन टन से आठ मिलियन टन कर दी जायेगी. इसी तरह जमशेदपुर स्थित ऊषा मार्टिन के स्टील बिनजेस डिविजन को भी कंपनी ने अधिगृहित कर लिया है. ऊषा मार्टिन के स्टील बिजनेस का उत्पादन 1.5 मिलियन टन है.
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जमशेदपुर की कैपेसिटी को पांच मिलियन टन बढ़ाया जा रहा है
कंपनी के जमशेदपुर यूनिट की उत्पादन क्षमता को और पांच मिलियन टन तक बढ़ाया जा रहा है. फिलहाल जमशेदपुर यूनिट की उत्पादन क्षमता 10 मिलियन टन है. जबकि कलिंगानगर प्लांट का प्रोडक्शन 3.5 मिलियन टन है. दोनों इकाईयों से कुल 13.5 मिलियन टन का उत्पादन किया जा रहा है.
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