
Ranchi : टाटा स्टील अब से रोजाना 5 टन कार्बन अपने कार्यक्षेत्र में कैप्चर करने का काम करेगी. इससे जमशेदपुर में गर्मी में कुछ कमी हो सकती है. मंगलवार को टाटा स्टील के सीईओ और एमडी टीवी नरेंद्रन ने कार्बन कैप्चर प्लांट का उद्घाटन किया. प्लांट के लग जाने के बाद से टाटा स्टील देश की पहली कंपनी बन गयी है, जो ब्लास्ट फर्नेस गैस से सीधे कार्बन डाई ऑक्साइड गैस को कैप्चर करेगी. इसके बाद सर्कुलर कार्बन इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए कंपनी इसका पुनः उपयोग भी करेगी. यह कार्बन कैप्चर ऐंड यूटिलाइज़ेशन (सीसीयू) सुविधा अमाइन टेक्नोलॉजी पर आधारित है.
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भारत जैसे विकासशील देश में स्टील इंडस्ट्री की स्थिरता को बनाये रखने के लिए CO2 को कैप्चर करना जरूरीः टीवी नरेंद्रन


एमडी टीवी नरेंद्रन ने कहा कि टाटा ग्रुप के पथप्रदर्शक मूल्यों के अनुरूप हमने डी-कार्बोनाइजेशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. हम बेहतर कल के लिए नये मानक स्थापित कर सस्टेनेबिलिटी में इंडस्ट्री लीडर बने रहने की अपनी खोज को जारी रखेंगे. विश्व स्तर पर और विशेष रूप से भारत जैसे विकासशील देश में स्टील इंडस्ट्री की स्थिरता को बनाये रखने के लिए यह जरूरी है कि हम बड़े पैमाने पर कार्बन डाइऑक्साइड को कैप्चर करने का प्रयास करें.




मालूम हो कि सितंबर 2020 में टाटा स्टील ने कार्बन कैप्चर, यूटिलाइजेशन एंड स्टोरेज (सीसीयूएस) के क्षेत्र में काम करने के लिए वैज्ञानिक व औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के साथ हाथ मिलाया था, ताकि देश में पेरिस समझौता के तहत डी-कार्बोनाइजेशन की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण किया जा सके.
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