
Ranchi: नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना किसानों एवं प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार का साधन बने, यह ग्रामीण विकास विभाग की प्राथमिकता है. नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना पूरे राज्य में मिशन मोड पर चलायी जा रही है. लोगों को अपने घर पर ही आजीविका का साधन उपलब्ध कराना सरकार का लक्ष्य है. उक्त बातों को विभागीय सचिव आराधना पटनायक ने कहा.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर किसान के टांड़ एवं बंजर जमीन को मनरेगा की योजना यथा- ट्रेंच कम बंड से उनके जमीन में मुफ्त 12×3×3 फीट का 1000 ती रनिंग फीट का गड्डा बनाकर, 2.5 एकड़ जमीन में पानी रोक कर खेत को उपजाऊ बनाया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ मेड़बंदी का लाभ किसानों को प्राप्त हो रहा है. लाभुक अपने घर, अपना गांव एवं अपना खेत में श्रमिक के रूप में कार्य कर प्रति मानव दिवस पर 194 रुपये मजदूरी हासिल कर रहे हैं.
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आर्थिक रूप से भी सशक्त हो रहे हैं. वर्षा जल को मनरेगा की योजना से रोक कर खेत एवं आस-पास के क्षेत्र को जल समृद्ध बनाया जा रहा है. साथ ही जमीन के भू- क्षरण को रोक कर वर्षा जल से मिट्टी के कटाव को रोका जा सका है. इसी प्रकार किसान जलसमृद्धि की दूसरी मेड़ बंदी की योजना का लाभ लेकर किसान टांड़ एवं मध्यम जमीन को खेती योग्य बनाकर लाभान्वित हो रहे हैं.
उक्त योजना के ग्रामीणों क्षेत्रों में क्रियान्वयन से कोविड-19 जैसी महामारी की स्थिति में अकुशल श्रर्मिको एवं प्रवासी बेरोजगार युवक-युवतियों को रोजगार का भी लाभ मिल रहा है. जलसमृद्धि की अन्य योजना यथा- नाला पुनर्जीवन से वर्षा जल को जगह- जगह पर नाले में बोल्डर से रोका जा रहा है. वहीं नाले के निचले हिस्से की भरावट की सफाई कर जल धारण क्षमता को बढ़ाया जा रहा है.
मनरेगा एवं 14वें वित्त आयोग, 15वें वित्त आयोग से मिले संसाधनों का उपयोग कर जल स्तर को बढ़ाया जा रहा है. इस प्रकार जल समृद्धि योजना राज्य के टांड़ एवं बंजर जमीन को उपजाऊ बनाने में वरदान साबित हो रही है.
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नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना की क्या है प्रगति
वहीं नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना के तहत सूबे के 29 हजार 808 गांवों में कार्य प्रगति पर है. ट्रेंच कम बंड (TCB) मेढबंदी योजना के तहत 51 हजार 587 स्थानों पर कार्य चल रहा है.
टाड़ भूमि में पानी रोकने के लिए चल रही Field Bund (FB) तहत 76538 योजना पर कार्य किया जा रहा है. जो औसतन 29808 गांवो में चल रही है. नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना के तहत जो भी कार्य गांवों में किये जा रहे हैं, उसमें गढ़वा जिला राज्य में सबसे आगे है.
जबकि गोडडा जिला सबसे फिसड्डी है. टॉप जिलो में गढवा में 8.3 ,सिमडेगा में 6.5 और लातेहार में 5.6 योजना औसतन प्रति गांव चल रहा है. जबकि दुमका जिला में 0.7,पश्चिमी सिंहभूम 0.7 और गोडडा में 0.6 योजना प्रति गांव के अनुपात में चल रही है. जबकि 7149 योजनाओं में काम पूरा भी कर लिया गया है.
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