Kathmandu : संसद में विश्वासमत गंवाने के कुछ दिन बाद केपी शर्मा ओली ने शुक्रवार को तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने श्री ओली (69) को शीतल निवास में एक समारोह में नेपाल के 43 वें प्रधानमंत्री के तौर पर पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी.
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राष्ट्रपति ने नेपाल की प्रतिनिधि सभा में सबसे बड़ी पार्टी के नेता के तौर पर ओली को प्रधानमंत्री नियुक्त किया. सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष ओली को गुरुवार को इस पद पर फिर से नियुक्त किया गया जब विपक्षी पार्टियां नयी सरकार बनाने के लिए संसद में बहुमत हासिल करने में विफल रहीं.
इससे तीन दिन पहले ओली प्रतिनिधि सभा में अहम विश्वास मत हार गये थे. ओली को अब 30 दिन के भीतर सदन में विश्वास मत हासिल करना होगा जिसमें विफल रहने पर संविधान के अनुच्छेद 76 (5) के तहत सरकार बनाने का प्रयास शुरू किया जायेगा.
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समारोह के दौरान ओली के मंत्रिमंडल के मंत्रियों ने भी शपथ ली. शपथ ग्रहण समारोह के दौरान प्रधानमंत्री ओली और उप प्रधान मंत्री ईश्वर पोखरेल ने ईश्वर शब्द का जिक्र नहीं किया जबकि राष्ट्रपति भंडारी ने इसका उल्लेख किया. श्री ओली ने कहा कि मैं देश और लोगों के नाम पर शपथ लूंगा. जबकि राष्ट्रपति ने ‘‘ईश्वर, देश और लोगों’’ का उल्लेख किया.
पुराने मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों और राज्य मंत्रियों को नये मंत्रिमंडल में जगह दी गयी है. प्रदीप ज्ञवाली विदेश मंत्री जबकि राम बहादुर थापा और बिष्णु पौडयाल क्रमश: गृह और वित्त मंत्री बनाये गये हैं. देश में कोविड-19 संक्रमण के मद्देनजर समारोह में सीमित लोगों की मौजूदगी थी.
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