
New Delhi : देश में गुड्स ऐंड सर्विस टैक्स (GST) को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है. कोर्ट ने जीएसटी को लागू करने के तरीके को लेकर कोर्ट ने नाराजगी जताई है.
कोर्ट ने कहा कि संसद की मंशा थी कि जीएसटी सिटिजन फ्रेंडली टैक्स हो, लेकिन जिस तरह से इसे देश भर में लागू किया जा रहा है, वह इसके मकसद को खत्म कर रहा है. शीर्ष अदालत ने आगे बात करते हुए यह भी कहा कि टैक्समैन हर बिजनेसमैन को धोखेबाज नहीं कह सकता.
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हिमाचल प्रदेश जीएसटी के एक प्रावधान को चुनौती वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी की. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि संसद की मंशा थी कि जीएसटी सिटिजन फ्रेंडली टैक्स स्ट्रक्चर बने.
लेकिन जिस तरह से इसे लागू कराया जा रहा है, इसका मकसद खत्म हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने जीएसटी को लागू करने के तरीके पर नाराजगी जताई और कहा कि टैक्समैन हर बिजनेसमैन को धोखेबाज नहीं कह सकता है.
हिमाचल प्रदेश जीएसटी एक्ट 2017 के उस प्रावधान को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है जिसमंन कहा गया है कि मामले की कार्यवाही पेंडिंग रहने के दौरान अधिकारी चाहे तो बैक अकाउंट समेत अन्य प्रॉपर्टी जब्त कर सकता है.
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