
New Delhi: बेशक भारत में दहेज लेना और दहेज देना अपराध है, इसके बावजूद यह परंपरा किसी ना किसी रुप में बनी हुई है. अक्सर लड़कियां दहेज में कीमती सामान लेकर ससुराल आती हैं. कभी अपने माता-पिता का शौक पूरा करने तो कभी अपने ससुराल वालों की डिमांड पर. लेकिन जरा सोचिए जब कोई लड़की दहेज में कीमती सामान, सोने-चांदी के गहने और नकदी के बजाय 21 खतरनाक सांप लेकर आए तो क्या होगा ? आपको हैरान होने की जरूरत नहीं है. यह सच है और मध्य प्रदेश में सदियों से चली आ रही परपंरा का हिस्सा है.
सैकड़ों साल पुरानी है परंपरा
मध्य प्रदेश में गौरया समुदाय में वर पक्ष को दहेज के रुप में 21 खतरनाक सांप देने की परंपरा है. इस समुदाय के बीच ऐसी मान्यता है कि अगर बेटी को दहेज में 21 खतरनाक सांप नहीं दिए गये, तो बेटी की शादी टूट जाएगी या कोई अपशकुन हो जाएगा. ये भी मान्यता है कि बेटी शादी के बाद सुखी नहीं रहेगी. यही कारण है कि इस समुदाय के लोग बेटी की शादी में सांपों को बतौर दहेज देते हैं. इस समुदाय में यह परंपरा सैकड़ों साल पुरानी है.
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खुद लड़की के पिता को पकड़ने होते हैं सांप
परपंरा के तहत गौरया समाज के लोग दहेज में गहुआ और डोमी प्रजाति के सांप देते है, जो बेहद जहरीले होते हैं. ये सांप इतने जहरीले होते हैं कि इन सांपों के एक बार काटने भर से इंसान की मौत हो जाती है. इस प्रथा का एक दिलचस्प हिस्सा यह भी है कि शादी में दहेज में दिए जाने वाले सांप को खुद लड़की का पिता ही पकड़ता है. बेटी की शादी तय होते ही बेटी का पिता सांप पकड़ने में लग जाता है. साथ ही यह भी माना जाता है कि लड़की का पिता अगर तय समय पर सांप ना पकड़ पाए, तो रिश्ता टूट जाता है.
सांप से है इस समुदाय का खास नाता
सांप देने के पीछे एक और मुख्य कारण है. गोरैया समाज के लोग पेशे से सांप पकड़ने का काम करते है, जिन्हें सब लोग सपेरा कहते हैं. दहेज में दिए जाने वाले यह 21 सांप ही उनकी आजीविका का साधन है, क्योंकि सांपों का खेल दिखाकर ये पैसे कमाते है. इसके साथ ही सांप के जहर को बेचकर भी ये अपनी जीविका चलाते हैं. हालांकि वन एवं पर्यावरण मंत्रालय पिछले एक वर्ष से राज्य सरकार की मदद से गौरया समुदाय को जागरूक करने में जुटा है, ताकि देहज में सांप देने की प्रथा खत्म हो, लेकिन बेटी से जुड़ा मामला होने के कारण समुदाय के लोग इस अंधविश्वास से दूर होते दिखाई नहीं दे रहे हैं.
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